मणिमहेश यात्रा: प्रशासन की बड़ी लापरवाही आई सामने, 2 श्रद्धालुओं की मौत

Tuesday, Aug 29, 2017 - 03:32 PM (IST)

चंबा: मणिमहेश यात्रा को यूं तो अमरनाथ यात्रा से भी कठिन माना जाता है। लेकिन क्या वाकई ही सरकार इस यात्रा को लेकर गंभीर है। क्या सच में प्रशासन ने यात्रियों के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं। सरकार के दावे जमीनी स्तर पर कितने सही हैं इन सबसे हम आपको रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं। प्रशासन लोगों के स्वास्थ्य के साथ किस तरह खिलवाड़ कर रहा है इस बात का खुलासा तब हुआ जब डॉक्टर के देरी से पहुंचने के कारण एक श्रद्धालु की मौत हो गई। 


2 श्रद्धालुओं की मौत
पहली मौत गौरीकुंड में रविवार रात को हुई जबकि एक अन्य ने इसी स्थान पर सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। दरअसल पठानकोट के मॉडल टाऊन निवासी पुरुषोत्तम राम (45) पुत्र मोहन लाल मणिमहेश यात्रा पर आया हुआ था। इस दौरान गौरीकुंड के पास पहुंचने पर अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। उसकी हालत इतनी गंभीर थी कि कुछ लोग उसे पीठ पर उठाकर गौरीकुंड के स्वास्थ्य शिविर तक ले गए। लेकिन वहां पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं था। एक घंटे के लंबे इंतजार के बाद चिकित्सक वहां पहुंचे पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। मैडीकल कैंप में स्वास्थ्य जांच करने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया, वहीं गौरीकुंड में ही मैहला विकास खंड के वंदला में रहने वाले केवल कृष्ण पुत्र प्रह्लाद की मौत होने की सूचना है। 


श्रद्धालुओं की मौत से लोगों में रोष
श्रद्धालुओं की मौत से लोगों में रोष पनप रहा है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य की जांच के लिए जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं लेकिन वहां भी सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जब इस बारे में श्रद्धालु को देखने आए डॉक्टर से बात की गई तो वह उल्टा मीडिया पर ही भड़क गए। प्रशासन का दावा है कि भोले के दर्शन करने आए भक्तों को हर सुविधा दी जा रहे है लेकिन यह बात कितनी सच है इस रिपाेर्ट में देखकर आप समझ ही गए होंगे।