मणिमहेश यात्रा : इस बार नहीं होगी हैली टैक्सी की ऑनलाइन टिकट बुकिंग

Friday, Jul 19, 2019 - 11:06 PM (IST)

भरमौर: मणिमहेश यात्रा के दौरान इस बार हैली टैक्सी की ऑनलाइन बुकिंग पर प्रतिबंध रहेगा पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर टिकट मिलेगी। इस दौरान एक सैक्टर अधिकारी को टिकटों की सुविधा व रॉयल्टी पर कड़ी निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा। मणिमहेश यात्रा के पुख्ता प्रबंधों को लेकर डी.सी. चम्बा विवेक भाटिया की अध्यक्षता में मिनी सचिवालय सभागार भवन में बैठक में यह फैसला लिया गया। यह भी फैसला लिया गया कि अगर टिकटों के ब्लैक होने का मामला उजागर होता है तो हैली टैक्सी कंपनी को ब्लैकलिस्ट घोषित कर दिया जाएगा और उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चम्बा से भी हवाई उड़ान करवाने की बात कही गई है।

भरमौर क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद

डी.सी. चम्बा ने बताया कि भरमौर क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र में आसपास के ट्रैकिंग रूट चिन्हित किए जाएंगे और स्थानीय युवकों को इस व्यवसाय से जुड़ी हुई तमाम बारीकियों से प्रशिक्षित किया जाएगा। बैठक में ट्रस्ट के सरकारी व गैर-सरकारी सदस्य मौजूद रहे। डी.सी. ने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भी सामूहिक तौर पर आगे आएं।

24 अगस्त से 6 सितम्बर तक चलेगी यात्रा

जनजातीय क्षेत्र भरमौर उपमंडल में 24 अगस्त से 6 सितम्बर तक चलेगी। यात्रा 13 सैक्टरों के माध्यम से आयोजित की जाएगी। ये 13 सैक्टर श्री मणिमहेश यात्रा के मानचित्र पर अंकित रहेंगे ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस यात्रा में 100 के करीब अधिकारी व कर्मचारी अपनी सेवाएं देंगे। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ट्रस्ट के सभी मंदिरों के गर्भ गृह में दान पात्र स्थापित किए जाएंगे ताकि ट्रस्ट की आमदनी को बढ़ाया जा सके। राधाष्टमी के दिन डलझील पर चढ़ावे की धनराशि के आबंटन के मुद्दे पर डी.सी. ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार धनराशि का आबंटन निर्धारित किया जाएगा।

80 स्थानों पर लंगर की व्यवस्था और पत्तल  का होगा प्रयोग

यात्रा के दौरान 80 के करीब विभिन्न स्थलों पर लंगर की व्यवस्था रहेगी। डी.सी. ने लोक निर्माण विभाग को भरमाणी माता परिसर में मॉडल शौचालय बनाने के लिए निर्देश दिए। डी.सी. विवेक भटिया ने ए.डी.एम. भरमौर को निर्देश दिए कि लंगर आयोजकों से शपथ पत्र लिया जाए कि इस बार स्टील के बर्तन या पत्तों की पत्तल ही लंगर में उपयोग किए जाएं ताकि इस धार्मिक स्थल में प्रदूषण को कम किया जा सके। भरमाणी माता जल स्त्रोत के आस-पास नो-लंगर जॉन रहेगा और चाय, ढाबे व खाने-पीने की व्यवस्था पर भी रोक रहेगी ताकि मंदिर की पवित्रता कायम रह सके।

Vijay