मणिमहेश यात्रा : डल झील में एक साथ हजारों ने लगाई आस्था की डूबकी

Sunday, Sep 16, 2018 - 10:00 PM (IST)

भरमौर: मणिमहेश की डल झील को पार करने के साथ ही शुरू हुआ राधाष्टमी का मुख्य स्नान। रविवार दोपहर बाद सचुई गांव के त्रिलोचन महादेव के वंशजों, शिवगुरों द्वारा मणिमहेश डल झील को खेलते हुए पार करने की परंपरा के साथ ही राधाष्टमी के शाही स्नान की शुरू आत हो गई। इस नजारे को देखने के लिए देश-विदेश के हजारों की संख्या में शिवभक्तों ने अपनी उपस्थिति डल झील पर दर्ज करवाई। गत दो दिन पहले मणिमहेश कैलाश डल झील यहां तक कि गौरीकुंड तक हिमपात हो जाने के बाद 13,500 फुट की ऊंचाई पर चल रही कड़ाके की शीतलहर के बावजूद करीब 30 हजार शिवभक्तों ने अष्टमी का स्नान कर पुण्य कमाया। हालांकि ये स्नान सोमवार शाम तक चलेगा इसलिए राधाष्टमी के पर्व पर स्नान करने वाले यात्रियों की सही संख्या सोमवार शाम को ही पता चलेगी। 

सप्तमी के दिन ही डल झील को पार करते हैं शिव भक्त
बता दें कि हर वर्ष शिव भक्त सप्तमी के दिन ही डल झील को पार करते हैं उसके बाद ही अष्टमी के पवित्र स्नान की शुरूआत होती है। अष्टमी का यह स्नान सोमवार शाम तक चलता रहेगा। रविवार लगभग 12 बजे इन त्रिलोचन महादेव के वंशज सचुई के शिवगुरों के साथ अन्य छडिय़ा जिसमें दशनाम आखाड़ा चम्बा, चरपट नाथ चम्बा तथा भद्रवाह क्षेत्र से आने वाली दर्जनों छडिय़ां जैसे ही मणिमहेश डल झील पर पहुंची तो पूरे पहाड़ ही मानो शिवजी के उद्घोषों से गूंज उठे। हर तरफ जै भोले शंकर की गूंज रही। कड़ाके की शीतलहर होने के बावजूद सैंकड़ों की संख्या में शिवगुरों ने डल झील में बरबस ही छलांग लगाकर परम्परा निभाई।  

Vijay