मणिमहेश यात्रा भ्रष्टाचार पोषक तो नहीं बनती जा रही

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2017 - 04:11 PM (IST)

चंबा: जब भी मणिमहेश यात्रा नजदीक आती है तो भरमौर उपमंडल प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन श्रद्धालुओं के लिए इस यात्रा को सुगम बनाने के नाम पर बैठकों का दौर शुरू हो जाता है। बेहद लंबी-चौड़ी कवायद के बीच क्षेत्र के नेता जी भी ऐसी बैठकों में अपनी मौजूदगी का एहसास बतौर अध्यक्ष करवाते हैं। जब यात्रा शुरू हुई तो सभी दावे धरे के धरे रह गए। ऐसे में यह धार्मिक यात्रा कहीं भ्रष्टाचार की पोषक तो नहीं बनती जा रही है क्योंकि सरकारी खजाने से दिल खोलकर पैसा खर्च किया जा रहा है। मणिमहेश ट्रस्ट यात्रा में आने वाले कई प्रकार के खर्चों को वहन करता है फिर यात्रियों को सुविधाएं मुहैया क्यों नहीं हो पा रही हैं।


मणिमहेश यात्रा इस तरह से विवादों में घिरी रहेगी
दिल्ली से आए श्रद्धालुओं का कहना है कि आज के आधुनिक और तकनीकी युग के बीच मणिमहेश में हर साल लाखों रुपए यात्रा प्रबंधन के नाम पर क्यों खर्च हो रहे हैं यह बात समझ से परे है। जनजातीय क्षेत्र का भाग होने के बावजूद आज तक खड़ामुख से आगे सड़क निर्माण योजना पर विचार क्यों नहीं किया गया। अगर विचार हुआ तो फिर यह मामला आगे क्यों नहीं बढ़ पाया है। लोगों का कहना है कि जब तक इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया जाता है तब तक मणिमहेश यात्रा इस तरह से विवादों में घिरी रहेगी और प्रशासन के साथ-साथ संबंधित विभाग भी सवालों के दायरे में घिरते रहेंगे। लोगों का यह भी कहना है कि अक्सर जब भी मणिमहेश यात्रा समाप्त होती है तो प्रशासन उस समय पेश आने वाले कड़वे अनुभव को ध्यान में रखते हुए अगले वर्ष उनका पूरी तरह से निवारण करने के दावे करता है लेकिन दूसरे साल जब यात्रा शुरू होती है तो फिर स्थिति जस की तस पाई जाती है।


हर वर्ष मणिमहेश डल तक के लिए खच्चर सड़कों का किया जाता है निर्माण
हर वर्ष दर्जनों पेयजल नल, हजारों पेयजल पाइपें, हर वर्ष खड़ामुख से मणिमहेश डल तक के लिए पैदल व खच्चर सड़कों का निर्माण किया जाता है। इतना सब होने के बावजूद भी अभी तक अगर श्रद्धालुओं को छोटी सी सुविधा पाने के लिए अगर दिक्कतों का सामना पेश करने के लिए मजबूर होना पड़े तो निश्चित तौर पर सरकार, प्रशासन व मणिमहेश ट्रस्ट की जवाबदेही बनती है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News