बरोट के 61 वर्षीय मंगत राम को सलाम, इनकी सुबह और शाम स्वच्छता के नाम

Tuesday, Jul 09, 2019 - 05:56 PM (IST)

नूरपुर (रूशांत महाजन): ऊहल नदी के किनारे बसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बरोट के शानन पावर हाऊस में मंगत राम फोरमैन हैं। रोज सुबह एक आम कर्मचारी की तरह वो भी अपनी ड्यूटी पर जाते हैं लेकिन वह साथ ही एक कर्त्तव्य और भी निभाते हैं-अपने इलाके को स्वच्छ रखने का ताकि बरोट आने वाले पर्यटक साफ-सुथरे परिवेश में यहां की दिलकश वादियों का आनंद उठा सकें। 61 वर्षीय मंगत राम की हर सुबह और शाम स्वच्छता के नाम समर्पित रहती है। यहां आने वाले पर्यटकों को अक्सर लगताहै कि यह शख्स कोई सफाई कर्मी है लेकिन स्थानीय लोग उन्हें बताते हैं कि वह कोई सफाई कर्मी नहीं बल्कि पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के फोरमैन हैं जिनके लिए स्वच्छता अपने देश के प्रति फर्ज निभाने का ही एक अंग है।

3 साल पहले सेवनिवृत्त हो गए थे मंगत राम, बोर्ड ने दे रखी है एक्सटैंशन

मंगत राम 3 साल पहले सेवनिवृत्त हो गए थे तथा बोर्ड ने उनको एक्सटैंशन दे रखी है। वीकेंड पर पर्यटकों की चहल-पहल के बीच मंगत राम बरोट के बीचोंबीच बने प्राकृतिक फव्वारे के आसपास के मैदान में फैले कचरे को साफ करने में जुटे थे, साथ ही आसपास बैठे पर्यटकों से आग्रह भी कर रहे थे कि यहां लगे कूड़ेदान में ही कचरा डालें।

रोजाना एक घंटे में एक किलोमीटर क्षेत्र की सफाई

मंगत राम ने बताया कि सबसे पहले वह अपने घर की सफाई करते हैं। उसके बाद ड्यूटी पर जाते और आते समय सुबह-शाम करीब एक घंटे तक एक किलोमीटर क्षेत्र की सफाई करते हैं। रास्ते में जहां भी कूड़ा-कर्कट पड़ा मिलता है, उसे वह एकत्र कर कूड़ेदान में डाल देते हैं। मंगत राम रोजाना क्षेत्र के होटल व्यवसायियों, दुकानदारों और पर्यटकों को भी क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने के लिए जागरूक करते रहते हैं।

मोदी से मिली प्रेरणा, स्वच्छता बनी जीवन का अंग

मंगत राम ने बताया कि अपने क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने की प्रेरणा उन्हें वर्ष 2014 में मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। तब से स्वच्छता को उन्होंने अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बना लिया। तब जाकर पता चला कि स्वच्छता मनुष्य और समाज के लिए कितनी अहम रोल निभाती है। मंगत राम को छुट्टी वाले दिन या रविवार को अक्सर शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के चित्रों वाली टी-शर्ट पहने हुए देखा जा सकता है। उनका मानना है कि ऐसे देशभक्तों से उन्हें प्रेरणा मिलती है तथा अपने समाज को स्वच्छ रखना व स्वच्छता के लिए लोगों को जागरूक करना भी देशभक्ति ही है।

जब पढ़े-लिखों को पढ़ाया स्वच्छता का पाठ 

मंगत राम एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि जब पड़ोसी राज्य से आए पर्यटक युवक अपनी गाड़ी से सड़क पर पॉलीथीन फैंक रहे थे तो उनमें से एक युवक ने बताया कि वह एम.एससी. पास है। तब मंगत राम ने उक्त युवक को स्वच्छता का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि जब शिक्षित लोग ही पर्यटन स्थलों पर गंदगी फैलाएंगे तो समाज को स्वच्छता के प्रति कौन जागरूक करेगा। दूसरे किस्से में बरोट में टूअर पर घूमने आए एक निजी शिक्षण संस्थान के कुछ छात्र स्कूल बस से कूड़ा-कचरा बाहर फैंकने लगे तो वहां मौजूद मंगत राम ने उन्हें टोका। इस पर बस में मौजूद एक शिक्षक की मंगत राम से खूब बहस हुई। बहस का कारण ज्ञात होने पर उक्त शिक्षण संस्थान की महिला शिक्षिका ने मंगत राम का समर्थन करते हुए कहा कि भाई साहब ठीक ही कह रहे हैं। एक सभ्य समाज में पब्लिक प्लेस पर गंदगी फैलाने का हक किसी को नहीं है।

Vijay