महिलाओं के अपराध में आई है कमी : मरड़ी

Tuesday, May 29, 2018 - 01:35 AM (IST)

मंडी : हिमाचल पुलिस के डी.जी.पी. सीता राम मरड़ी का कहना है कि प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कमी दर्ज की जा रही है जोकि प्रदेश के लिए सुखद बात है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय कहीं न कहीं गुडिय़ा हैल्पलाइन को भी दिया जा सकता है। यह बात उन्होंने मंडी में पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कही। सोमवार को डी.जी.पी. ने मंडी में सैंट्रल रेंज के तहत 5 जिलों के एस.पी., एडीशनल एस.पी., डी.एस.पी. और एस.एच.ओ. स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की और कानून व्यवस्था की फीडबैक ली। इसके बाद वे पत्रकारवार्ता में उन्होंने कहा कि गुडिय़ा हैल्पलाइन शुरू होने के बाद प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में कमी दर्ज की गई है। मर्डर और अटैम्प्ट टू मर्डर के केस अभी भी अधिक हैं और पुलिस इन्हें भी कम करने की दिशा में कार्य कर रही है।


पुलिस को आरोपी को पकडऩे में कामयाबी मिली
 कसौली गोलीकांड में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर हुई कार्रवाई पर बोलते हुए कहा कि यह कार्रवाई डिवीजन कमिश्नर की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने की है। इस मामले में अगर पुलिस की नाकामी रही है तो पुलिस को आरोपी को पकडऩे में कामयाबी भी मिली है। अभी मामले की जांच जारी है और अंतिम रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी होगा चाहे वे विभाग का ही क्यों न हो उनके खिलाफ  सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सस्पैंड होना सजा नहीं है यह जांच प्रक्रिया का हिस्सा होता है और जांच के बाद कोताही सामने न आने पर बहाली भी होती है।


किसी ने देखने ही कांटे हैं तो उसे गुलाब नजर ही नहीं आएगा
मरड़ी ने कहा कि अमूमन पुलिस की कार्यप्रणाली को नकारात्मक तरीके से देखा जाता है जबकि पुलिस बहुत से सकारात्मक काम भी जनता के लिए करती है। उन्होंने इस बात को शायराना अंदाज में बोलते हुए कहा कि नजरिया बदलो नजर नहीं, गुलाब देखो कांटे नहीं। उन्होंने कहा कि नजर बदली जा सकती है लेकिन नजरिया नहीं। यदि किसी ने देखने ही कांटे हैं तो उसे गुलाब नजर ही नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस का कत्र्तव्य अपराधियों को पकडऩा है लेकिन किसी निरापराध व बेकसूर के खिलाफ कार्रवाई न हो यह भी पुलिस का ही फर्ज है। उन्होंने बताया कि थानों में किसी का झूठा बयान दर्ज न हो और अदालत के समक्ष सच्चाई पेश करने की कोशिश की जानी चाहिए।


सैंट्रल जोन के सभी जिलों के एस.पी., डी.एस.पी. और एस.एच.ओ. मौजूद थे
यही नहीं पुलिस के समक्ष बयान देने वाले की वीडियोग्राफी की जाए और समय आने पर अगर वह अपने बयान से मुकर जाता है तो अदालत के समक्ष उसे पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के अलावा विश्वसनीयता को बनाए रखने के साथ-साथ अपराधों पर नियंत्रण करना भी मकसद है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह पहली बार हो रहा है कि एस.एच.ओ. स्तर के अधिकारियों के साथ सीधा संवाद किया जा रहा है। एस.एच.ओ. और आई.ओ. को आने वाली परेशानियों, उन पर बढ़ रहे वर्कलोड के अलावा अन्य समस्याएं भी सुनी जा रही हंै। इस अवसर पर सैंट्रल जोन के सभी जिलों के एस.पी., डी.एस.पी. और एस.एच.ओ. मौजूद थे।


हिमाचल पुलिस सर्वे में आंकी गई अव्वल
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि एक एजैंसी के सर्वे के अनुसार हिमाचल पुलिस अनुशासन और कत्र्तव्यनिष्ठा के मामले में अव्वल आंकी गई है। उन्होंने कहा कि अभी साइबर क्राइम से निपटने के मामलों में कुछ कमी है, जिसमें सुधार किया जाना है। इसके लिए केंद्र की ओर से डेढ़ करोड़ की राशि मुहैया करवाई गई है। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों का जागरूक होना भी अनिवार्य है।


एस.पी. मंडी गुरदेव शर्मा को मिलेगा राष्ट्रपति पुलिस मैडल
डी.जी.पी. ने एस.पी. मंडी गुरदेव शर्मा की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि वे बहुत अच्छा कर रहे हैं। एस.पी. मंडी गुरदेव चंद शर्मा का नाम राष्ट्रपति पुलिस सेवा मैडल के लिए भेजा जा रहा है।

Kuldeep