दिल्ली म्यूजियम की शान बना मंडी का चरखा

Thursday, Jul 05, 2018 - 03:02 PM (IST)

कुल्लू (शम्भू): नई दिल्ली स्थित कनॉट प्लेस में मंडी में बना हैरिटेज चरखा म्यूजियम की शान बना हुआ है। यह म्यूजियम में प्रवेश करने वाले हिमाचल के लोगों को गौरवान्वित कर रहा है। म्यूजियम में मंडी की अंशुल मल्होत्रा द्वारा दान किए गए इस चरखे को पहले नंबर पर सजाया गया है। स्वदेशी अपनाओ आंदोलन में चरखे की अहम भूमिका रही है। महात्मा गांधी ने चरखे से ऊन की कताई के जरिए स्वयं वस्त्र तैयार करने का संदेश देकर स्वदेशी अपनाओ अभियान को देशव्यापी मुहिम बना दिया था।


1957 में हुआ है चरखे का निर्माण
मंडी की अंशुल मल्होत्रा द्वारा दान किए गए इस चरखे का निर्माण 1957 में हुआ है और देश-दुनिया से आने वाले पर्यटक इस चरखे को निहार रहे हैं। 2 तकुओं वाले इस चरखे का निर्माण मंडी में ही करवाया गया था। ऐसी पुरानी चीजों को म्यूजियम में सहेजा गया है। प्रधानमंत्री सहित देश-दुनिया की कई हस्तियों के संदेश भी म्यूजियम में लगे हुए हैं। हिमाचल से घूमने-फिरने के लिए नई दिल्ली जा रहे लोग जब म्यूजियम में प्रवेश कर रहे हैं तो म्यूजियम में पहले नंबर पर हिमाचल के मंडी जिला की महिला द्वारा दान किए गए चरखे को देखकर गौरवान्वित हो रहे हैं।


चरखे को निहार रहे देश-दुनिया के लोग
कुल्लू के बंदरोल के देवेंद्र कुमार, मणिकर्ण घाटी के नितीश शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा, मनाली के इशान, केवल कृष्ण और अश्विनी ने बताया कि नई दिल्ली में म्यूजियम में उन्होंने मंडी की महिला द्वारा दान किए गए चरखे को देखा। म्यूजियम में घूम रहे देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोग व विदेशी भी चरखे को निहार रहे थे। पहले नंबर पर सजे इस चरखे को देखकर हम भी गौरवान्वित हुए।


हिमाचल के लिए गौरव की बात
डी.सी. कुल्लू यूनुस ने बताया कि ऐसी कई चीजें हैं जो हमें गर्व से भर देती हैं। हिमाचल के मंडी से दान किए हुए चरखे को देखकर लोग गर्व महसूस करते होंगे। विदेशों में भी कई जगह ऐसी चीजें मौजूद होती हैं जो या तो भारत से दान की हुई होती हैं या बतौर उपहार भेंट की हुई होती हैं। ये भारत की संस्कृति व विशेषता को इंगित करती हैं। दिल्ली के म्यूजियम में सजा चरखा भी हिमाचल के लिए गौरव की बात की है।

Vijay