मंडी का बेलदार निकला करोड़ों की संपत्ति का हिस्सेदार, VACB ने जांच की तेज

Friday, Jun 29, 2018 - 10:01 AM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): आय से अधिक दौलत व बेनामी संपत्ति मामले में विजीलैंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व आई.एफ.एस. अधिकारी के खिलाफ जांच तेज कर दी है। प्रारम्भिक जांच में बेलदार की नौकरी करने वाला परमानंद नामक एक कर्मी भी करोड़ों रुपए की अकूत दौलत में हिस्सेदार पाया जा रहा है। छापामारी के दौरान विजीलैंस के हाथ लगे दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ है। सवाल उठ रहे हैं कि जिस बेलदार के पूरे सेवाकाल में नौकरी के दम पर कुल 20-25 लाख रुपए एकत्रित हो सकते हैं उसके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति कैसे आई। 


सेवाकाल की इस राशि से रोज के खर्चे व अन्य खर्चे काट दिए जाएं तो कर्मी में 10 लाख रुपए भी नहीं बचा सकता। ब्यूरो को शक है कि पूर्व आई.एफ.एस. अधिकारी ने इस कर्मचारी को बलि का बकरा बनाया होगा और डरा-धमकाकर उसके नाम बेनामी संपत्ति खड़ी करके खुद ऐशो-आराम से रहने लगा। हालांकि इसके पीछे के तमाम तथ्यों से ब्यूरो जांच कर ही पर्दा उठाएगा। इधर, पूर्व अधिकारी के घर से कब्जे में लिए गए कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल हैंडसैट व सी.पी.यू. आदि की छानबीन जारी है।


इस प्रकरण में वन विभाग के अन्य अफसरों की भी मदद ली जा रही है। अधिकारी पर सेवाकाल में क्या-क्या आरोप लगे और अधिकारी की देखरेख वाले क्षेत्रों व योजनाओं में क्या-क्या गड़बड़ियां हुईं तथा किस तरह से जांच चल रही है, इन बिंदुओं पर भी ब्यूरो पूरा ब्यौरा जुटा रहा है। पूर्व अधिकारी और उसकी पत्नी नॉन-हिमाचली होने के कारण बेनामी संपत्ति का ही प्रकरण प्रतीत हो रहा है। गैर-कृषक प्रदेश में अनुमति के बिना संपत्ति नहीं खरीद सकते। इस मामले में भी इसीलिए बेलदार परमानंद को मोहरा बनाया गया है।


अनुमति के कागजातों की जांच
धारा 118 के तहत भूमि खरीद के लिए पूर्व अधिकारी ने अनुमति को लेकर कागजात भी ब्यूरो के समक्ष प्रस्तुत किए हैं। ये कागजात असली हैं या फर्जी, इस पर ब्यूरो जांच कर रहा है। पूर्व अधिकारी पर सेवाकाल में लग रहे आरोपों और जांच के आधार पर लम्बे समय से राडार पर होने की वजह से अधिकारी द्वारा लुकाछिपी का खेल जारी रहा जिस पर अब जाकर कार्रवाई हुई।

Ekta