शिकारी देवी में मौत की दर्दनाक घटना के बाद अब 'यहां' फंसे 5 फुट बर्फ में 6 युवक

Monday, Jan 16, 2017 - 01:36 PM (IST)

गोहर: शिकारी देवी के बर्फीले पहाड़ों में एन.आई.टी. छात्रों की बर्फ में दबने की मौत की दर्दनाक घटना के बाद शनिवार को 9 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित बड़ा देव कमरूनाग मंदिर में भी 5 फुट बर्फबारी में मंडी जिला के 6 युवाओं के बुरी तरह से फंस गए थे। सभी युवाओं को मंदिर कमेटी ने सुरक्षित बचा लिया है। बर्फ में फंसे 6 युवाओं में 2 नाबालिग बताए जा रहे हैं जो सुंदरनगर से संबंध रखते हैं। यह पता नहीं चल सका है कि ये युवा कमरूनाग मंदिर कब गए थे।


कमरूनाग मंदिर में करीब 5 फुट बर्फ में फंसे युवा
शिकारी देवी की खौफनाक घटना को देखकर शनिवार को कमरूनाग मंदिर का हाल जानने के लिए अचानक पहुंचे कमरूनाग देवता के कटवाल रणजीत सिंह ठाकुर और उनके सहयोगी कारदारों की नजर जब कमरूनाग मंदिर में करीब 5 फुट बर्फ में फंसे युवाओं पर पड़ी तो मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने सभी युवाओं को तुरंत बर्फ से निकाला। उन्हें सराय के अंदर ले जाकर सभी के शरीर को अलाव और गर्म पानी से राहत दी, जिसके बाद खाना मांग रहे सभी युवाओं को मंदिर कमेटी ने खाना तैयार कर उन्हें खिलाया। उसके बाद कमेटी के सदस्यों ने इन्हें रोहांडा की पहाड़ी तक सुरक्षित छोड़ दिया। 


न पहुंचते कमेटी सदस्य तो जा सकती थी जान
बताया जा रहा है कि अगर मंदिर कमेटी के सदस्य कमरूनाग मंदिर में शनिवार को नहीं पहुंचते तो बर्फ में दबे ठंड और भूख से तड़प रहे सभी 6 युवा कहीं जिंदगी की जंग भी हार सकते थे। कमरूनाग मंदिर और शिकारी देवी मंदिर में बर्फबारी के बाद प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है मगर बर्फबारी का मजा लेने और ट्रैकिंग पर जाने का जुनून युवाओं की नासमझी बयां कर रहा है। कमरूनाग मंदिर प्रशासन ने शनिवार से अलर्ट जारी कर दिया है कि लोग आगामी 2 माह के लिए कमरूनाग मंदिर स्थल पर नहीं आएं। देवता के कटवाल रणजीत सिंह ठाकुर ने कहा है कि कमरूनाग में करीब 5 फुट से अधिक बर्फ है, जिसमें चलना जिंदगी गवां सकता है।


कमरूनाग मंदिर में 2 माह से कपाट बंद
उन्होंने पर्यटकों और श्रद्धालुओं से आह्वान किया है कि कमरूनाग मंदिर में 2 माह न आएं तथा देवता के कपाट बंद हैं। उन्होंने यह फरमान भी जारी किया है कि अगर कोई अपनी मर्जी से कमरूनाग पहुंचता है तो वह अपना ओढ़ने, सोने और खाने का सामान खुद लाएं। मंदिर कमेटी ने यह भी ऐलान किया है कि आगामी 2 माह तक कमरूनाग मंदिर आने वाले लोगों की मंदिर कमेटी कोई जिम्मेदारी नहीं लेती है। कटवाल ने कहा है कि कमरूनाग मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं तथा यहां न सोने का सामान है न खाने का।