मंडी हादसा : चम्बा की बस के चालक-परिचालक के ये थे आखिरी ‘शब्द’

Sunday, Aug 13, 2017 - 10:21 PM (IST)

चम्बा: हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपो चम्बा की बस (नं. एच.पी.-47-4423 चम्बा) मनाली के लिए शनिवार की सुबह 11 बजे सवारियों को लेकर निकली थी। इस बस को चम्बा से जिला कांगड़ा के द्रमण तक कोई और चालक लेकर आया था। रात करीब 8 बजे द्रमण पहुंचने पर वहां बतौर रिलीवर चंदन शर्मा पुत्र हरबंस लाल निवासी हाऊस नम्बर 23/8 मोहल्ला बंगला तहसील व जिला मंडी ने इस बस को मनाली तक पहुंचाने के लिए चालक की सीट को संभाला। इस बस में परिचालक के तौर पर सतपाल पुत्र चरण दास निवासी गांव कराडबंद डाकघर कीह तहसील नूरपुर, जिला कांगड़ा तैनात था। बताया जा रहा है कि द्रमण में दोनों ने इकट्ठे खाना खाया और चम्बा से द्रमण तक बस को पहुंचाने वाले बस चालक को गुड नाइट कह कर अपना आगे का सफर शुरू किया था। 

पिता की मौत के बाद मिली थी सतपाल को नौकरी 
बस परिचालक सतपाल अपने पिता चरण दास के स्थान पर एच.आर.टी.सी. में लगा था। बताया जा रहा है कि सतपाल के पिता एच.आर.टी.सी. के चालक के पद पर कार्यरत थे। कुछ वर्ष पहले उनकी चम्बा-जोत-चुवाड़ी मार्ग पर बस के गिरने के चलते मौत हो गई थी, ऐसे में करुणामूल आधार पर सतपाल को एच.आर.टी.सी. में परिचालक की नौकरी मिली थी। वर्षों तक अपने नियमितीकरण का इंतजार कर रहे सतपाल 2 माह पूर्व ही नियमित हुआ था, जिसके चलते वह इन दिनों काफी खुश था। उधर, सतपाल अपनी 6 बहनों का एकलौता भाई था। करीब 2 वर्ष पूर्व ही उसकी शादी हुई थी और उसकी एक डेढ़ माह की बेटी है।

एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों में शोक की लहर  
एच.आर.टी.सी. चम्बा के बस अड्डा प्रभारी प्रीतम ने बताया कि रविवार की सुबह जैसे ही इस दुखद घटना के बारे में पता चला तो सभी एच.आर.टी.सी. कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने कहा कि पूरा दिन निगम के प्रत्येक कर्मचारी बस चालक चंदन शर्मा व परिचालक सतपाल से बातें करते रहे। उन्होंने कहा कि चम्बा बस डिपो ने अपने 2 साथियों को खोया है जिनकी कमी अक्सर साथियों को अखरती रहेगी।