इंसानियत हुई शर्मसार, प्रदर्शनी मैदान में दर्द से बेहाल व्यक्ति लोगों के लिए बना तमाशा

Thursday, Dec 20, 2018 - 09:25 PM (IST)

कुल्लू: सुरेंद्र पाल का दर्द आज कई लोगों के लिए तमाशा बन गया। दूर खड़े होकर सब उसे तड़पता हुआ देखते रहे लेकिन करीब पौने घंटे तक उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ पाया और न किसी ने एम्बुलैंस के लिए फोन किया। जी हां, ऐसा ही मानवता को शर्मसार करने वाला वाकया हुआ ढालपुर के प्रदर्शनी मैदान में, जब बाहरी राज्य से संबंध रखने वाला सुरेंद्र पाल अचानक चक्कर खाकर मैदान में गिर गया और दर्द से चिल्लाने लगा।

जिंदा है या मर गया देखकर लौटते रहे लोग

सुरेंद्र को दर्द से तड़पता-चिल्लाता देख दर्जनों लोग तो उसके इर्द-गिर्द जमा हो गए लेकिन काफी देर तक कोई व्यक्ति उसे उठाकर अस्पताल तक पहुंचाने की पहल करता नहीं दिखा। कई लोग एक-दूसरे से यही पूछ कर वापस लौटने लगे कि क्या हुआ इसे, जिंदा है या मर गया। यदि किसी व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सुविधा की जरूरत हो और कोई उसकी मदद को आगे न आए तो उसका जीवन ईश्वर के भरोसे ही बचेगा।

पौने घंटे के बाद लोगों को सुरेंद्र पर आया तरस

हालांकि करीब पौने घंटे के बाद वहां मौजूद कुछ लोगों को सुरेंद्र पर तरस आया तथा उन्होंने उसे पानी पिलाने की कोशिश की और उसे उठाकर अस्पताल तक पहुंचाया। लेकिन अगर मामला ज्यादा गंभीर होता तो उक्त बीमार व्यक्ति की प्राथमिक चिकित्सा न मिलने से जान भी जा सकती थी। लोगों की मानें तो कोई इस स्थिति में पुलिस कार्रवाई के पचड़े में नहीं पडऩा चाहता, इसलिए कोई किसी की इस प्रकार से मदद करने का रिस्क भी नहीं उठाता। लेकिन सही मायनों में देखा जाए तो इस प्रकार की घटनाएं इंसानियत को खत्म करने वाली हैं।

क्या कहती हैं एस.पी. कुल्लू

एस.पी. कुल्लू शालिनी अग्रिहोत्री ने कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। अगर किसी व्यक्ति को मदद की जरूरत है और आपकी मदद से उसकी जान बच सकती है तो जरूर आगे आएं। घायल, बीमार व्यक्ति देखकर पुलिस व एम्बुलैंस को तुरंत फोन करें। पुलिस की कोई कार्रवाई किसी को परेशान करने वाली नहीं होती है।

Vijay