प्रदेश में खाद का बड़ा संकट, पड़ोसी राज्यों में किसान आंदोलन ने रोकी आपूर्ति

Wednesday, Oct 28, 2020 - 02:26 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): प्रदेश में खाद का बड़ा संकट पैदा हो गया है। कृषि विधेयक के विरोध में पड़ोसी राज्य में जारी किसान आंदोलन के चलते प्रदेश को होने वाली खाद की आपूर्ति बाधित हुई है। ऐसे में अक्तूबर माह में की जाने वाली गेहूं की अगेती बिजाई के लिए खाद उपलब्ध नहीं है। यदि किसान आंदोलन जारी रहता है तो प्रदेश में अगेती बिजाई के प्रभावित होना तय है। प्रदेश में इस समय अक्तूबर माह में वांछित कुल खाद में से लगभग आधा स्टॉक ही उपलब्ध है जबकि अक्तूबर समाप्त होने को है। गेहूं की बिजाई में खेतों में खाद डालने का प्रथम चरण अक्तूबर माह में ही किसान पूरा करते हैं। प्रदेश के ऊना, हमीरपुर तथा बिलासपुर जनपदों में प्रमुखता से गेहूं की अगेती बिजाई की जाती है। ऐसे में जनपद में अगेती बिजाई के लिए अक्तूबर माह में 11900 मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता रहती है। वर्तमान में कृषि विभाग के पास लगभग आधी मात्रा में ही खाद उपलब्ध है।

किसान खेतों में यूरिया, एनपीके 12:32:16, 15:15:15, 10:26:26, एमओपी, एसएसपी, डीएपी व कैल्शियम नाइट्रेट आदि का उपयोग करते हैं विशेषज्ञ बताते हैं कि रबी सीजन में अक्टूबर से लेकर दिसंबर के अंत तक खाद का उपयोग खेतों में किया जाता है। इन दिनों किसान पंजाब हरियाणा आदि में कृषि विधेयक के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं जिस कारण रास्ते आदि भी बाधित हुए हैं। वहीं कृषि निदेशक डॉ. एन.के. बधान का कहना है कि प्रदेश में इन दिनों खाद की कमी है। कृषि विधेयक के कारण जारी किसान आंदोलन से प्रदेश में खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। वर्तमान में अब अक्तूबर माह में आवश्यक 11900 मीट्रिक टन में से आधा स्टॉक ही खाद का उपलब्ध है। प्रदेश खाद्य आपूर्ति के लिए अन्य प्रदेशों पर निर्भर है। यदि खाद समय पर नहीं आती है तो अगेती बिजाई में समस्या आ सकती है। 2 दिन रास्ता खुलने से लगभग 5000 मीट्रिक टन खाद प्रदेश में पहुंची है।

Jinesh Kumar