जवाहर पार्क की ओपन एयर जिम में लगी मशीनों पर उठे सवाल, जानिए क्या है वजह

Thursday, Sep 26, 2019 - 08:47 PM (IST)

सोलन (ब्यूरो): जवाहर पार्क की ओपन एयर जिम में लगी मशीनों की कीमत व गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इनकी कीमतें भी संदेह के घेरे में है क्योंकि ब्रांडिड कंपनियों की कीमत भी इन मशीनों की कीमत के बराबर ही है। हैरानी तो इस बात की है कि इन मशीनों को लगे अभी 3-4 ही दिन ही हुए हैं और इनके नट-बोल्ट अभी से खुलने शुरू हो गए हैं। नगर परिषद ने इसका बाकायदा साढ़े 3 लाख रुपए में टैंडर लगाया था। मशीनों की खरीद से लेकर स्थापित करने का काम ठेकेदार ने ही किया है लेकिन इन मशीनों के नट-बोल्ट अभी से ढीले होने के कारण नगर परिषद की काफी किरकिरी हो रही है।

ओपन एयर जिम में लगीं हैं ये मशीनें

ट्विस्टर टू इन वन 31,500, रोअर सिंगल 34,500, चैस्ट प्रेम डबल हिप लेक्टर 31,600, एबडोमिनल बैंच 37,500, एयर वॉकर 35,500, अंलैपटिकल क्रास ट्रेनर 37,300 व लैग प्रैस डबल 39,600 रुपए में लगाई गई है। बड़ी कंपनियों की कीमत भी इसी के बराबर है। हालांकि नगर परिषद को ये मशीनें हैंडओवर नहीं हुई हैं लेकिन इससे पूर्व ही इस पर सवाल खड़े हो गए हैं।

बास्केटबाल कोर्ट को अधूरा छोड़ा

जवाहर पार्क में सिंथैटिक बास्केटबाल कोर्ट का निर्माण भी अधूरा छोड़ दिया गया है। कोर्ट की तारकोल के साथ लेवलिंग की गई है। इसके बाद सिंथैटिक की लेयर होनी थी। बास्केटबाल के पोल जंग से खराब हो रहे हैं। इसके निर्माण पर करीब 4 लाख रुपए खर्च कर दिए लेकिन पोल अभी भी वहीं पड़े हुए हैं।

11 लाख खर्चे लेकिन ओपन एयर थियटर ही नहीं बना

जवाहर पार्क में ओपन एयर थिएटर बनाने की योजना थी। इसके लिए करीब 11 से 12 लाख रुपए की लागत से रेन हार्वेस्टिंग टैंक का निर्माण किया गया। इस टैंक की छत के ऊपर थिएटर के स्टेज का निर्माण किया जाना था। इस थिएटर के स्टेज के निर्माण के लिए करीब 12 लाख रुपए की लागत से हार्वेस्टिंग टैंक का निर्माण कर दिया लेकिन ओपन एयर थिएटर का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ। इसके निर्माण के लिए कई पेड़ों की बलि भी चढ़ी। मजेदार बात यह है कि रेन हार्वेस्टिंग टैंक बनने के बाद खाली ही है क्योंकि इसमें जवाहर पार्क का बारिश का पानी जाना था लेकिन ओपन एयर थिएटर का निर्माण न होने के कारण टैंक को कनैक्शन ही नहीं हो सका।

योगा सैंटर भी अधूरा छोड़ा

इसी तरह पार्क में एक योगा सैटर बनना था। इसमें ही एक एक्वाप्रैशर के लिए पाथ बनना था। यह पाथ पत्थरों का था। इसके बीच में लोहे की रेलिंग लगनी थी। यह कार्य भी अधूरा पड़ा है। पार्क में ही पत्थरों का ढेर लगा हुआ। इसके अलावा नगर परिषद ने पार्क में डंगों के निर्माण पर लाखों रुपए खर्च कर दिए। कई फुट-फुट ऊंचे डंगों का निर्माण कर दिया। इसके लिए भी बड़ी संख्या में पेड़ काटे गए। इतने ऊंचे-ऊंचे डंगों की वहां पर आवश्यकता नहीं थी। जवाहर पार्क के जीर्णोद्धार पर सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है। यही कारण है कि लोग इसकी जांच की मांग कर रहे हैं।

क्या बोले नगर परिषद के अधिकारी

नगर परिषद सोलन के सहायक अभियंता इंजीनियर प्रमोद आर्य ने बताया कि जवाहर पार्क में ओपन एयर जिम की मशीनों को लेकर जो सवाल खड़े किए जा रहे हैं वह अभी नगर परिषद को हैंडओवर नहीं हुई हैं। जब हैंडओवर होंगी तो इनकी गुणवत्ता व कीमतों को परखा जाएगा। यदि कमी पाई गई तो पेमैंट नहीं की जाएगी।

Vijay