प्रगति व खुशहाली का आशीर्वाद देकर मंदिर वापस लौटीं मां शूलिनी

Sunday, Jun 24, 2018 - 10:49 PM (IST)

सोलन: रविवार को अधिष्ठात्री देवी मां शूलिनी की डोली 3 दिन के प्रवास के बाद सोलनवासियों को प्रगति व खुशहाली का आशीर्वाद देकर अपने मूल स्थान लौट गई। इसी के साथ शहर में 3 दिनों से चल रहा मेला भी सम्पन्न हो गया। शुक्रवार को मां शूलिनी अपने स्थान से पालकी में शहर की परिक्रमा करने के बाद अपनी बड़ी बहन गंज बाजार स्थित मां दुर्गा से मिलने पहुंचीं और यहां 3 दिन तक लोगों के दर्शनार्थ विराजमान रहीं।


बघाट रियासत से जुड़ा है मेले का इतिहास
मेले का इतिहास बघाट रियासत से जुड़ा हुआ है। मां शूलिनी बघाट रियासत के शासकों की कुल देवी मानी जाती हैं। मां शूलिनी देवी के नाम से ही सोलन का नामकरण हुआ है। रियासत के विभिन्न शासकों के काल से ही माता शूलिनी का मेला आयोजित किया जा रहा है।


मेले की परंपरा आज भी कायम
लोगों का मानना है कि मां शूलिनी के प्रसन्न होने पर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा व महामारी का प्रकोप नहीं होता है बल्कि खुशहाली आती है और मेले की यह परंपरा आज भी कायम है। इसी परंपरा के तहत इस बार भी 22 से 24 जून तक सोलन में मेला धूमधाम से आयोजित हुआ और रविवार रात करीब 12 बजे मां की पालकी अपनी बहन के पास से अपने मंदिर में वापस पहुंच गई।

Vijay