इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट ने करोड़ों में खरीदी हिमाचली ऑपरेटरों की लग्जरी बसें, आखिर क्या है मकसद

Monday, Mar 19, 2018 - 02:52 PM (IST)

सुंदरनगर (नितेश सैनी): बादल परिवार की कंपनी ऑर्बिट रिजोर्ट लिमिटिड के अधीन इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट द्वारा हिमाचली ऑपरेटरों सहित बाहरी राज्यो के ओपरेटरो से दिल्ली से जम्मू,कटड़ा,श्रीनगर,मनाली,शिमला,धर्मशाला,डलहोजी,देहरादून रुट पर चलाई जाने वाली अधिकतर वॉल्वो,स्कानिया,मर्सिडीज व अन्य लग्जरी बसो की खरीद को करोड़ो रूपए में एग्रीमेंट किए है। इनमे से अधिकाश ऑपरेटरो को मोटी रकम पेशगी के रूप में दे दी गई है। इन एग्रीमेंट के तहत इकत्तीस मार्च तक बकाया राशि का भुगतान किया जाना है और इससे पूर्व ऑपरेटरों को अपनी बसो को इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट कम्पनी को सौंपना होगा। वहीं समझोते के तहत अब यह ऑपरेटर ना तो हिमाचल,जम्मू-कश्मीर,उत्तरांखण्ड में स्वयं व अपनी फर्म के नाम पर कारोबार नही कर पाएंगे ना ही अप्रत्यक्ष तौर पर इस कारोबार में शामिल होंगे।

एसोसिएशन पुरानी लग्जरी बसो को चलाने की इजाजत नहीं देगी
इनकी कंपनी इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए करोड़ो के बस खरीद समझोतों से यह माना जा रहा है कि छोटे -मोटे बस आपरेटर को इस धंधे से हटा कर एकाधिकार स्थापित करना है। ताकि आने वाले समय में कोई सबंधित रूट पर कोई प्रतिस्पर्धा व चुनोती ना हो। इंडो- क़ेनेडियन ट्रांसपोर्ट द्वारा अरबो रूपए के किए गए बस सौदो में पुरानी बसो के ऑपरेटरो की खूब चांदी हुई है। बताया जा रहा है कि 5 से 10 साल पुरानी बसे जिनका मोजुदा मूल्य 10 से 20 लाख उन्हें भी 50 से 80 लाख तक के सौदे हुए। एसोसिएशन पुरानी लग्जरी बसो को चलाने की इजाजत किसी भी सूरत में नही देगी। समय अवधि समाप्त कर चुकी बसो की मेंबरशिप खत्म कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इन लग्जरी बस ऑपरेटरो द्वारा बेचीं गई बसो के अच्छे दाम मिले है। बिना जोर जबरदस्ती अपनी मर्जी से बसो के खरीदने-बेचने के समझोते किए गए है।
 

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