हिमाचल में बैंक कर्मियों की हड़ताल से इतने करोड़ का नुक्सान, पढ़ें खबर (Video)

Wednesday, May 30, 2018 - 06:31 PM (IST)

शिमला: बैंक कर्मचारी व अधिकारियों ने वीरवार को 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की शुरूआत की। हड़ताल के चलते बैंक बंद रहे, ऐसे में बैंक संबंधी कार्य न होने से कारोबारियों सहित आमजन को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। हिमाचल के जिला मुख्यालयों में सुबह 10 बजे बैंक कर्मियों ने वेतन बढ़ाने के लिए आवाज बुलंद की, ऐसे में प्रदेश के बैंकों को लगभग 400 करोड़ का नुक्सान हुआ बताया जा रहा है।


मांग पूरी न होने पर लिया हड़ताल का निर्णय
राजधानी शिमला में जिलाधीश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिमाचल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक गोपाल शर्मा ने कहा कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यू.एफ.बी.यू.) और इंडियन बैंकर्ज एसोसिएशन (आई.बी.ए.) के बीच वेतनमान संशोधन को लेकर बैठक हुई थी लेकिन वह विफल रही। मांग पूरी न होने पर उस समय यूनियन ने वाकआऊट किया था। इसके बाद ही फोरम ने 2 दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था।


10 लाख बैंक कर्मचारी 2 दिन हड़ताल पर
हिमाचल प्रदेश बैंक इम्प्लाइज यूनियन के जनरल सैक्रेटरी प्रेम वर्मा ने बताया कि देशभर में लगभग 10 लाख बैंक कर्मचारी 2 दिन हड़ताल कर रहे हैं, इसमें हिमाचल के लगभग 5000 इम्प्लाइज शामिल हैं। प्रेम वर्मा ने बताया कि प्रदेश में हड़ताल के कारण बैंकों को करीब 400 करोड़ का नुक्सान हुआ है। यू.एफ.बी.यू. में सभी 9 बैंक यूनियन ए.आई.बी.ई.ए., ए.आई.बी.ओ.सी., एन.सी.बी.ई., ए.आई.बी.ओ.ए., बी.ई.एफ.आई., आई.एन.बी.ई.एफ., आई.एन.बी.ओ.सी., एन.ओ.बी.डब्ल्यू. व एन.ओ.बी.ओ. शामिल हैं। इन यूनियनों ने हड़ताल कर रोष जताया है।


ये रहे प्रदर्शन में मौजूद
डी.सी. ऑफिस के बाहर किए प्रदर्शन के दौरान एच.बी.ई.एफ. के जनरल सैक्रेटरी एवं एच.बी.ई.एफ. के सह संयोजक प्रेम वर्मा, ए.आई.बी.ओ.सी. के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र चौहान, उपाध्यक्ष राकेश वर्मा, यूको बैंक ए.आई.बी.ई.ए. के जनरल सैक्रेटरी नरिंद्र वर्मा, ए.आई.बी.ओ.सी. के ट्रेजरर एन.के. शर्मा, एन.सी.बी.ई. एम.एस. वर्मा, रंजीत शर्मा, सुनीता गुप्ता व अन्य उपस्थित रहे। शिमला में स्थापित ए.टी.एम. के बाहर दिन में कतारें नहीं देखी गईं। हालांकि कुछ ए.टी.एम. में शाम कोकैश खत्म हो गया था।


इन बिंदुओं पर जताया विरोध
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन ने हड़ताल के माध्यम से विभिन्न बिंदुओं का विरोध जताया है। इनमें बैंक यूनियन द्वारा आई.बी.ए. को दिए गए चार्टर ऑफ डिमांड का समाधान न करना, केंद्र सरकार का बैंक कर्मियों की वेतन बढ़ौतरी के संबंध में सुस्त रवैया, आई.बी.ए. द्वारा वेतन मात्र 2 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव, कुछ बैंकों द्वारा द्विपक्षीय समझौते द्वारा स्केल 3 तक वेतन वृद्धि की सहमति देना आदि शामिल हंै।


प्रमुख मांगों पर एक नजर
1. बैंक कर्मियों की वेतन वृद्धि का समझौता शीघ्र किया जाए।
2. वेतन में समुचित बढ़ौतरी की जाए।
3. द्विपक्षीय समझौते में सभी वर्ग के अधिकारियों की वेतन वृद्धि की जाए।

Vijay