बड़े भाई के नक्शेकदम पर चला छोटा भाई, सेना मेें हासिल किया लैफ्टिनैंट का पद

Sunday, Sep 09, 2018 - 05:55 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): बड़े भाई के पदचिन्हों पर चलते हुए छोटे भाई ने भी भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट का पद हासिल कर न केवल अपने परिवार बल्कि क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है। मूलत: हरोली क्षेत्र के बाथू गांव से संबंधित ऊना में तैनात हैड कांस्टेबल दिलदार सिंह के छोटे पुत्र रोहित राणा की विधिवत नियुक्ति भारतीय सेना में लैफ्टिनैंट पद पर हो गई है। चेन्नई के ओ.टी.ए. में 8 सितम्बर शनिवार को बड़े भाई कैप्टन अमित राणा, भाभी प्रियंका राणा, पिता दिलदार सिंह व माता किरण राणा की मौजूदगी में स्टार लगाकर उन्हें विधिवत रूप से सेना में शामिल किया गया।

10 बार असफल होने के बावजूद नहीं हारी हिम्मत
माऊंट कार्मल सीनियर सैकेंडरी स्कूल से शिक्षा प्राप्त रोहित राणा ने बी.टैक करने के बाद सेना में जाने का फैसला किया।  रोहित ने भले ही बी.टैक की डिग्री हासिल कर ली थी लेकिन उनका सपना अपने बड़े भाई की तरह सेना में जाकर देश सेवा करने का ही था। इसे पूरा करने के लिए रोहित को लम्बा इंतजार भी करना पड़ा। 2 वर्षों के दौरान उन्होंने 11 बार लैफ्टिनैंट की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दिया। 10 बार असफल होने के बावजूद रोहित ने हिम्मत नहीं हारी।

बड़े भाई ने एक बार में ही पास कर ली थी परीक्षा
अंतत: वह लिखित परीक्षा के बाद इंटरव्यू में भी पास हुए और आर्मी की ट्रेनिंग की। चेन्नई की ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी में उनका प्रशिक्षण हुआ जिसके बाद शनिवार को स्टार लगाकर उन्हें विधिवत रूप से लैफ्टिनैंट रैंक देकर आगामी नियुक्ति प्रदान कर दी गई। लैफ्टिनैंट रोहित के बड़े भाई अमित राणा भी भारतीय सेना में कैप्टन के पद पर सेवारत हैं। माऊंट कार्मल स्कूल से ही प्लस टू करने वाले कैप्टन अमित राणा पहले प्रयास में ही न केवल परीक्षा में पास हुए बल्कि इंटरव्यू में भी वह सिलैक्ट हुए।

हैड कांस्टेबल दिलदार सिंह को बेटों की सफलता पर गर्व
अपने दोनों बेटों के भारतीय सेना में ऑफिसर बनने पर हैड कांस्टेबल दिलदार सिंह जोकि राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज के बतौर निजी सुरक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हैं, उनका कहना है कि संत बाबा बाल जी महाराज के आशीर्वाद से ही उनके दोनों बेटे अधिकारी पद पर चयनित हुए हैं। अपने बेटों की सफलता के पीछे दिलदार सिंह अपनी पत्नी किरण राणा को भी श्रेय देते हैं। दिलदार सिंह कहते हैं कि वह शुरू से ही चाहते थे कि दोनों बेटे आर्मी के जरिए देश सेवा करें। उनका कहना है कि उन्हें गर्व है कि दोनों बेटे देश की सुरक्षा की अहम जिम्मेदारी में तैनात हुए हैं।

माता-पिता व अध्यापकों को दिया सफलता का श्रेय
कैप्टन अमित राणा और लैफ्टिनैंट रोहित राणा ने अपनी सफलता का मुख्य श्रेय माता-पिता व अध्यापकों को दिया है। उन्होंने कहा कि माता-पिता की प्रेरणा ही रही कि वे आर्मी में ऑफिसर पद पर सिलैक्ट हुए हैं। युवाओं को नशे से दूर रहने का आह्वान करते हुए दोनों सेना अधिकारियों ने कहा कि बच्चों को सकारात्मक तरीके से न केवल अच्छी शिक्षा हासिल करनी चाहिए बल्कि आगे बढ़ने के लिए सतत् प्रयास करने चाहिए।

क्या कहते हैं लैफ्टिनैंट रोहित राणा
लैफ्टिनैंट रोहित राणा ने कहा कि जब 10 बार वह लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद इंटरव्यू में सलैक्ट नहीं हो पाए तो उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। वह लगातार प्रयास करते रहे। 11वीं बार उनका आखिरी चांस था और इसके लिए वह पूरी तरह से तैयार थे। कड़ी मेहनत के जरिए उन्होंने न केवल लैफ्टिनैंट की लिखित परीक्षा पास की बल्कि इंटरव्यू में भी उत्तीर्ण हुए। युवाओं के लिए सबसे बड़ा संदेश है कि असफलता में उन्हें हार नहीं माननी चाहिए।

Vijay