हमारी भी सुन लो पुकार, तारों के सहारे कर रहे नदी पार

Sunday, Mar 31, 2019 - 10:58 PM (IST)

तीसा: बेशक बैठकों व विभिन्न मंचों पर घोषणाओं में विकास की लंबी गाथाएं चर्चा में सुनने में आती रहती हैं लेकिन जिला चम्बा में जमीनी हकीकत में विकास केवल योजनाओं व फाइलों में ही सिमट कर रह गया है। इसका जीता-जागता उदाहरण जिला चुराह घाटी में स्थित पंझेई पंचायत है। 2,000 की आबादी वाली इस पंचायत के बाशिंदों को रोजाना जान हथेली पर रख कर गंतव्य स्थलों पर तारों के पुल के सहारे ही जाना व वापस लौटना पड़ रहा है, जिसकी एक वजह पंचायत पंझेई के ठीक 2 किलोमीटर पीछे बैरा बांध है, जहां से कभी भी जलस्तर बढऩे पर परियोजना द्वारा पानी छोड़ा जाता है। हालांकि इस जटिल समस्या का समाधान जिला प्रशासन के द्वार व जनमंच जैसे अहम कार्यक्रमों में उठने के बाद भी नहीं हो पाया है।

क्या हैं पंचायत पंझेई पुल के हालात

वर्ष 2014 में लोगों के लगातार विरोध के पश्चात यहां लकड़ी का झूला पुल बनाया गया था, जो कुछ ही महीनों में क्षतिग्रस्त हो गया। नकरोड़ के समीप चलाह नामक स्थान पर विकास खंड तीसा व विकास खंड सलूणी की सीमाओं के बीच दरिया आता है। इस दरिया को पार करने के लिए लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ती है। कई वर्षों से लोग शासन के नुमाइंदों व प्रशासन से पुल बनाने की मांग करते आए हैं लेकिन इनकी फरियाद को आज तक किसी ने नहीं सुना। हालांकि 2014 में जिला परिषद के माध्यम से झूला पुल बनाया गया था, जिससे लोगों की परेशानी काफी हद तक हल हो गई थी लेकिन कुछ ही महीनों में पुल तहस-नहस हो गया। लोग फिर से यहां पुल निर्माण की फरियाद करते रहे परंतु आज 5 वर्ष बीत गए लेकिन किसी ने लोगों की फरियाद को नहीं सुना।

बांध से छोड़ा पानी लोगों के लिए बना परेशानी

नकरोड़ के समीप चलाह नामक स्थान पर पुल न होने के कारण लोगों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ रही है। इस स्थान से 2 किलोमीटर पीछे बैरा बांध है, जिसका मुरम्मत कार्य होने के कारण पानी लगातार छोड़ा गया है। इस समय बैरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है। यहां बने झूला पुल के स्थान पर तारें बची हुई हैं, जिनके सहारे लोग आर-पार हो रहे हैं। ऐसे में यहां कभी भी दर्दनाक हादसा हो सकता है। लोग उपमंडल के कार्य के लिए चुराह आते हैं लेकिन नदी पर न पुल है और न ही कोई वैकल्पिक रास्ता जिसे पार कर उपमंडल पहुंच सकें। लोग इसी रास्ते से उपमंडल व नकरोड़ आते हैं। तारों के सहारे आर-पार होना कभी भी हादसे में तबदील हो सकता है क्योंकि नीचे पानी का तेज बहाव और ऊपर तारों से नदी पार करना खतरे से खाली नहीं है।

जनमंच जैसे कार्यक्रमों में उठाया मुद्दा फाइलों में हुआ दफन

लोगों की समस्याओं के समाधान के तहत प्रशासन जनता के द्वार व जनमंच जैसे कार्यक्रम आरंभ किए गए ताकि लोगों के घर-द्वार पर उनकी समस्याओं का वक्त रहते समाधान होने सहित विकास को गति मिले। हालांकि स्थानीय लोगों ने इस समस्या को जनमंच जैसे कार्यक्रमों में भी उठाया गया लेकिन इस पर प्रशासन व विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न होना लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। प्रशासन को बार-बार समस्या से अवगत करवाया जा रहा है। बावजूद इसके समस्या का समाधान नहीं हो रहा है परंतु दिन-प्रतिदिन समस्या विकराल होती जा रही है।

2 विकास खंडों की सीमाओं को जोड़ने में नहीं दिखाई दिलचस्पी

नकरोड़ के समीप बैरा नदी तीसा व सलूणी विकास खंडों को विभाजित करती है। दोनों विकास खंडों को जोड़ने के लिए बैरा नदी पर पुल का होना जरूरी है लेकिन यहां पुल का निर्माण न तो सलूणी और न ही तीसा विकास खंड की ओर से किया जा रहा है, जिसका खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इसका सीधा कारण यह है कि यह पुल 2 विकास खंडों की सीमाओं के फेर में फंसा है। हैरानी इस बात की है कि 2 पंचायतें पहले ही उपमंडल विकास खंड के फेर में फंसी हुई हैं। इन दोनों पंचायतों के लोगों को विकास खंड से संबंधित कार्य करवाने के सलूणी जाना पड़ता है और उपमंडल से संबंधित कार्य करवाने के लिए चुराह जाना पड़ता है। उपमंडल जाने के लिए बैरा नदी की बाधा को पार करना जरूरी है परंतु वर्तमान समय में नदी रौद्र रूप में है। इस नदी को पार करना जान से हाथ धोने के बराबर है।

क्या कहते हैं पंचायत पंझेई के 9 गांवों के लोग

चलाह नामक स्थान पर पुल बनने से विकास खंड सलूणी की 2 पंचायतों के लोग लाभान्वित होते हैं। हिमगिरि व पंझेई ये 2 पंचायते हैं, जिनका विकास खंड तो सलूणी है लेकिन उपमंडल चुराह है। लोगों को उपमंडल से सबंधित कार्यों के लिए तीसा मुख्यालय आना पड़ता है। हिमगिरि व पंजेई पंचायत के छेत्री, पलनोटी, साही, शवाई, सिधोट, कतोगा, शिका, खंडियारु व तलेई के ग्रामीणों को नकरोड़ व उपमंडल तथा मुख्य सड़क के लिए इसी नदी को पार कर आना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त समस्या की सुध नहीं ली जा रही है।

3 माह गुजरने पर भी नहीं हुई कार्रवाई

पंचायत पंझेई के उपप्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि पंझेई पंचायत पुल की जनमंच कार्यक्रम में उठाई गई समस्या पर कोई कार्रवाई न होने को लेकर डी.सी. चम्बा से मिली थी। इस दिशा में कार्रवाई का आश्वासन तो प्राप्त हुआ लेकिन 3 माह बीतने के पश्चात भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। आश्वासन दिया गया था कि जल्द इस मामले पर कार्रवाई की जाएगी लेकिन 3 महीने बीत चुके हैं, प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। चुराह उपमंडल के झज्जाकोठी में पिछले वर्ष आयोजित जनमंच में भी इस समस्या को रखा था परंतु इसका कोई समाधान नहीं हो रहा है।

कभी भी घटित हो सकता है हादसा

ग्राम पंचायत पंझेई के प्रधान ओम प्रकाश खन्ना ने बताया कि पंचायत पंझेई के लोग बैरा नदी पार करने के लिए जान जोखिम में डाल रहे हैं। यदि जल्द इस स्थान पर नए पुल का निर्माण नहीं होता है तो यह काफी जानलेवा सिद्ध हो सकता है क्योंकि बांध से पानी कब छोड़ दिया जाए, यह कहना मुश्किल है। इस दिशा में ग्राम सभा प्रस्ताव से लेकर पंचायत प्रतिनिधिमंडल लंबे समय से विभिन्न मंचों, अधिकारियों के समक्ष मांग उठा चुके हैं लेकिन पंचायत में पुल निर्माण की समस्या जस की तस बरकरार है जिसके प्रति वक्त रहते कदम उठाना बेहद अनिवार्य है।

Vijay