लिंटन मैमोरियल की नप नहीं ले रही सुध, बाहर से रंग-रोगन, अंदर से हालत खराब

Monday, Sep 09, 2019 - 11:28 AM (IST)

नाहन (स.ह.): शहर की शान ऐतिहासिक लिंटन मैमोरियल की नगर परिषद कोई सुध नहीं ले रही है। यदि यूं ही अनदेखी जारी रही तो एक दिन यह शान शहर से हमेशा-हमेशा के लिए रुखसत न हो जाए। गौर हो कि पहले भी मीडिया द्वारा उक्त मामले को उठाया गया था, जिसमें  लिंटन मैमोरियल की बाहर व अंदर दोनों तरफ की तस्वीरें लोगों के समक्ष रखी थीं। इसके बाद नगर परिषद ने उक्त इमारत को सुधारने को लेकर एक टीम को जायजा लेने के लिए भी भेजा था। 

लेकिन जानकारों का कहना है कि उसके बाद से कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल नगर परिषद में पर्वों के दौरान बाहर से रंग-रोगन तो कर दिया जाता है लेकिन अंदर की हालत को सुधारने की ओर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है जिसके चलते अंदर से यह इमारत दरारों से भरती जा रही है। 

मरम्मत कार्यों की ओर नहीं दिया जाता ध्यान

लोगों का कहना है कि ऐसी इमारतों की समय पर मुरम्मत आदि की जानी चाहिए ताकि ये ऐतिहासिक इमारतें शहर की शान में खड़ी रहें लेकिन इस प्रकार से इन इमारतों की ओर ध्यान न देना सही नहीं है। इसके अलावा यहां लकड़ी से बने फट्टे आदि खराब हो चले हैं। इसके अलावा बिजली की तारें उखड़ गई हैं व रोशनी का यहां कोई प्रबंध नहीं है। इतना ही नहीं, छत पर भी दरारें आ चुकी हैं। नगर परिषद को चाहिए कि बाहर के साथ-साथ अंदर से भी इसमें सुधार किया जाए। 

पुरानी होने के चलते घड़ी अक्सर रहती है खराब

आसपास के लोगों का कहना है कि लिंटन मैमोरियल पर दशकों से लगी घड़ी लोगों को समय बताती है और समय की कीमत का आभास भी करवाती है। खास बात यह है कि यह घड़ी चारों दिशाओं में समय बताती है लेकिन अब मशीनरी पुरानी होने के चलते यह अक्सर खराब रहती है जिसके चलते कई बार लोग भ्रमित भी होते हैं। उधर जानकारी के अनुसार उक्त घड़ी की मुरम्मत व देखभाल का काम दशकों से शहर का एक ही परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी कर रहा है। पहले दादा, पिता और अब बेटा घड़ी की देखभाल करता है। घड़ी पर काम करने वाले राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनके दादा के समय से परिवार घड़ी की देखभाल करता है। समय पर घड़ी में चाबी भरने सहित मुरम्मत आदि की जाती है। 

 

 

Edited By

Simpy Khanna