GST लागू होने के बाद भी उद्योगपतियों को लग रहा लाखों का चूना, जानिए कैसे

Thursday, Jun 28, 2018 - 09:20 PM (IST)

नाहन: देश में एक राष्ट्र, एक टैक्स के नारे के साथ जी.एस.टी. लागू हुए करीब एक साल बीत चुका है। मगर सूबे में एडिशनल गुड्स टैक्स की वसूली जारी है, ऐसे में यहां अपने उद्योग चला रहे सैंकड़ों उद्योगपतियों को लाखों का चूना लग रहा है। उद्योगपति सरकार के टैक्स वसूली की इस दोहरी नीति से खफा हंै। उद्योगपतियों का आरोप है कि जी.एस.टी. लागू होने बाद भी सरकार ने एडिशनल गुड्स टैक्स को नहीं हटाया, टैक्स की वसूली जारी है। उद्योगपतियों के मुताबिक भाजपा की जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद एडिशनल गुडस टैक्स वसूली का मामला सरकार के संज्ञान में लाया गया था। मुख्यमंत्री से लेकर उद्योग मंत्री एवं कराधान मंत्री को भी इस मामले में कार्रवाई करने को कहा गया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उद्योगपतियों का आरोप है कि जब जी.एस.टी. लागू हो चुका है तो एडिशनल गुड्स टैक्स की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि देश के बहुत से राज्यों में ए.जी.टी. नहीं है और जिन राज्यों में था वहां जी.एस.टी. लागू होने के बाद हटा दिया गया है।


दोनों तरफ से हो रही है वसूली
उद्योगपतियों के अनुसार एडिशनल गुड्स टैक्स की वसूली प्रदेश में माल की एंट्री व बाद में माल बाहर ले जाते वक्त दोनों तरफ से वसूली जा रही है। उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार प्रति क्विंटल की दर से एडिशनल गुड्स टैक्स वसूल रही है। बड़े उद्योगों को तो सालाना लाखों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है। सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।


पुराने उद्योगों को विस्तार पर छूट नहीं
पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त पुराने उद्योगों को 25 फीसदी विस्तार करने पर नए उद्योगों को दी जाने वाली सुविधाएं देने के निर्देश दिए गए थे, ऐसे में बहुत से उद्योगपतियों ने अपने उद्योगों का विस्तार यह सोचकर किया था कि उन्हें नए उद्योगों को मिलने वाली सुविधाएं सरकार देगी, जिसके चलते करोड़ों रुपए का निवेश किया गया। सरकार बदलने के बाद इन उद्योगों को निराशा हाथ लगी। नई सरकार ने नए उद्योगों को तो राहत दी लेकिन पुरानों को कुछ नहीं मिला।


क्या कहते हैं आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी
आबकारी एवं कराधान विभाग सिरमौर के उपायुक्त जी.ठी. ठाकुर ने कहा कि एडिशनल गुड्स टैक्स का मामला राज्य सरकार के अधिकार में है। जी.एस.टी. में ऐसे किसी भी टैक्स को लगाने और हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। सरकारी आदेशों पर वसूली हो रही है।

Vijay