ऐसा स्कूल! जहां बच्चे बिना बैग के आते हैं पढ़ने

Thursday, Jun 01, 2017 - 03:30 PM (IST)

धर्मशाला: यहां स्कूली बच्चों के कंधे बस्ते के बोझ से झुकते नहीं हैं। कांगड़ा में एक ऐसा है, जहां बच्चों को किताबें यहां से ही उपलब्ध करवाई जाती हैं। वह बिना बस्ते के स्कूल आते हैं, पढ़ते हैं और घर जाते हैं। यह बात राजकीय प्राइमरी स्कूल बंडोल की हो रही है। 90 बच्चों वाले इस स्कूल में ही किताबें उपलब्ध करवाई जाती हैं। हालांकि बच्चों को पैन संबंधी अन्य चीजें स्कूल में ही उपलब्ध करवाई जाती हैं। जब सैशन खत्म हो जाता है तो बच्चे किताबों को स्कूल में जमा करवा देते हैं तथा वे किताबें नए सैशन के बच्चों को मिल जाती है। सरकार द्वारा हर साल नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाने वाली किताबें बच्चे अपने घर ले जाते हैं। यह प्रक्रिया हर साल अपनाई जाती है। हर बच्चा दोपहर के भोजन के बाद टूथपेस्ट करता है। इसी का नतीजा है कि 15 अप्रैल को उक्त स्कूल को स्वच्छ स्कूल का सर्टीफिकेट प्राप्त हुआ था तथा 50 हजार रुपए की राशि में ईनाम के रूप में दी गई है। 


सरकारी व प्राइवेट विभागों में तो वीडियो कांफ्रैंस होना आम बात है लेकिन इस स्कूल में यह सब होता है। इसके माध्यम से स्कूली बच्चों की अभिभावकों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से वीडियो कांफ्रैंस की जाती है तथा कई समस्याओं का निदान किया जाता है। कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता हिमाचल से बाहर काम करते हैं, ऐसे में इनका एक यही जरिया है, जब स्कूली बच्चे, अध्यापक व अभिभावक एक साथ जुड़ते हैं। यहां अभिभावकों को स्कूल आने की आवश्यकता नहीं होती है, एक वीडियो कांफ्रैंस के माध्यम से बात होती है। कई स्कूल उक्त बंडोल स्कूल का दौरा करते हैं। हाल ही में किन्नौर के स्कूल कोठी के अध्यापकों ने दौरा किया तथा यहां पर जो स्कूली बच्चों के लिए कार्य किए जाते हैं, उनका अनुसरण करते हैं। इसी की तर्ज पर कोठी स्कूल ने भी वीडियो कांफ्रैंस का कंसैप्ट प्रयोग किया है। कांगड़ा का एकमात्र जी.पी.एस. स्कूल है, जिसकी अपने स्कूल की वैबसाइट है, जिसे जून के प्रथम सप्ताह में लांच किया जाएगा।