बहू को जलाकर मारने वाले सास-ससुर को उम्रकैद, पति को मिली यह सजा

Tuesday, Oct 10, 2017 - 11:08 PM (IST)

कुल्लू: एडीशनल सैशन जज जिया लाल आजाद की अदालत ने अपनी बहू की हत्या के आरोप में दंपति को दोषी करार देने के बाद उम्रकैद की सजा का अहम फैसला सुनाया। दोषी दंपत्ति जिया निवासी कर्म चंद और माया देवी पर अपनी बहू पर कैरोसिन तेल छिड़क कर उसे जलाकर मारने का आरोप था। दोषियों को 20-20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने के भी आदेश हुए हैं। यह सजा भा.दं.सं. की धारा 302 के तहत सुनाई गई। न्यायालय ने कर्म चंद और माया देवी तथा उनके बेटे संजय को भा.दं.सं. की धारा 498ए के तहत भी दोषी करार दिया और 2 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई तथा 5000-5000 रुपए जुर्माना अदा करने के भी दोषियों को आदेश हुए। हत्या और प्रताडऩा के जुर्म में दोषियों की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। 

यह था मामला 
जिला उप न्यायवादी पंकज धीमान ने मामले की पैरवी की। उन्होंने बताया कि संजय की पत्नी गिरिजा देवी के बयान पुलिस द्वारा 2 अगस्त, 2015 को धारा 154 के तहत रिकार्ड किए गए थे। धीमान के अनुसार गिरिजा ने कहा था कि उसकी शादी संजय से वर्ष 2003 में हुई। 2 अगस्त की रात को गिरिजा के सास व ससुर ने उस पर कैरोसिन तेल छिड़क कर जिंदा जलाने का प्रयास किया। पति भी उसे प्रताडि़त करता था। घटना के दौरान गिरिजा की सांसें चलती रहीं और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 3 अगस्त को कुल्लू से प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने गिरिजा को आई.जी.एम.सी. रैफर कर दिया जहां 6 अगस्त को उसकी मौत हो गई। 

23 गवाहों ने दर्ज करवाए बयान
दोषियों के खिलाफ कुल्लू सदर थाने में मामला दर्ज हुआ। इस मामले की बारीकी से छानबीन के बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया, जिस पर न्यायालय में केस चलता रहा। दोषियों के खिलाफ न्यायालय में 23 गवाह पेश हुए। गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने उक्त दोषियों के खिलाफ सजा का यह फैसला सुनाया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने न्यायालय में दोषियों की सजा को कम करने का आग्रह किया। इस पर न्यायालय ने कहा कि ऐसे घिनौने अपराध के लिए सजा को कम नहीं किया जा सकता। दोषियों की सजा को कम करना वारदात का शिकार महिला और उसे न्याय दिलाने के लिए लडऩे वाले लोगों के साथ घोर अन्याय होगा।