(Watch Pics) जब तिरंगे में लिपटा घर पहुंचा लाडला, मां की चीखों से गूंज उठा आसमान

Thursday, Nov 24, 2016 - 10:24 AM (IST)

मंडी (नितेश सैनी): उपमंडल की भरनाल पंचायत के कोलनी गांव के कानपुर में हुए ट्रेन हादसे में मारे गए लैफ्टिनैंट नरेंद्र कुमार को क्षेत्र के हजारों की संख्या में एकत्र लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। लैफ्टिनैंट नरेंद्र कुमार का शव देर रात पहुंच गया था। सेना के अधिकारियों ने उसे भांबला स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में सुबह होने तक रखा। उसके बाद वे पैतृक गांव में पूरेे सैनिक सम्मान के साथ तिरेंगे में लिपटा हुआ शव लेकर पहुंचे, जहां उसके माता-पिता सहित अन्य परिजनों ने अंतिम दर्शन किए। जब नरेंद्र की मां ने अपने लाडले का शव देखा तो उसकी चीत्कारों से आसमान भी गूंज उठा। गांव के लोगों के ढांढस बंधाने के बाद उसे वहां से उठाया गया। इसके बाद वैदिक रीति-रिवाजों के साथ सभी रस्में पूरी करके अंतिम यात्रा शुरू हई।

सेना के अधिकारियों ने शव को कंधा दिया और अंतिम पड़ाव पर पहुंचाया, जहां 25 ग्रेनेडियर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल एस राजाबीलु के नेतृत्व में मेजर कुंदीप सिंह, सूबेदार बलबीर सिंह सहित अन्य सैनिकों ने अंतिम गार्ड ऑफ हॉनर दिया। जब उसके बड़े भाई संजीव ने मुखाग्नि दी तो वहां पर उपस्थित हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं। लैफ्टिनैंट नरेंद्र कुमार डेढ़ वर्ष पूर्व देहरादून स्थित सैनिक स्कूल से एनडीए से पासआउट हुआ था तथा उसे 25 ग्रेनेडियर बटालियन में तैनाती दी गई थी। वह सेना द्वारा एक ऑफिसर ट्रेनिंग कोर्स के लिए भेजा गया था, जहां उसके पैर की हड्डी में चोट आई थी और वह ट्रेन द्वारा लखनऊ उसके इलाज के लिए सेना के बड़े अस्पताल जा रहा था।

इस अंतिम विदाई में सेना के अधिकारियों के साथ-साथ विधायक कर्नल इंद्र सिंह, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार रंगीला राम राव, एसडीएम डा. सुरेश जसवाल, डीएसपी मदन धीमान, भाजपा जिला महामंत्री दलीप ठाकुर सहित अन्य हजारों लोग शामिल हुए।