CM जयराम की पत्नी को लिखा खत, बेसहारा घूम रहे लोगों को नसीब हुई छत

Friday, Oct 12, 2018 - 04:31 PM (IST)

करसोग (यशपाल): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पत्नी को मिले एक खत ने सड़क पर बेसहारा घूम रहे मानसिक रोगियों की जिंदगी बदल दी। मुख्यमंत्री की पत्नी व हिमाचल प्रदेश रेड क्रास सोसाइटी अस्पताल कल्याण अनुभाग की अध्यक्षा डा. साधना ठाकुर के प्रयासों के चलते तकरीबन 3 वर्षो से करसोग के प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटन स्थल तत्तापानी में बेसहारा घूम रहे एक महिला व पुरूष के अलावा करसोग के सनारली में सड़क पर भटकती महिला को छत नसीब हो पाई है।

तत्तापानी की सड़क पर बेसहारा घूम रहे महिला व पुरूष की दयनीय हालत को देखते हुए तत्तापानी के बुजुर्ग इंद्र शर्मा ने करसोग प्रशासन को इन दोनों के बारे मे बताया। लेकिन मामले में किसी भी तरह की कार्यवाई न होने के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री की पत्नी डा. साधना को खत लिख कर बेसहारा महिला व पुरूष का दर्द बयां किया। साथ ही उनकी मदद करने की गुहार लगाई। खत मिलते ही डा. साधना ठाकुर ने इस पर संज्ञान लेते हुए डी.सी. मंडी से बात की तथा बेसहारा घूम रहे इन लोगों की मदद करने का आग्रह किया। डी.सी. मंडी ने डा. साधना से मिले सुझाव पर तुंरत डी.एस.पी. करसोग अरूण मोदी को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए तथा मामले को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के लिए कहा। डी.सी. मंडी से मिले दिशा निर्देशों के चलते डी.एस.पी. ने स्वयं ही मोर्चा संभालते हुए तत्तापानी का रूख किया तथा बेसहारा घूम रहे तकरीबन 50 वर्षीय पुरूष व 60 वर्षीय महिला तक पहुंच गए।

दोनों की हालत को देखते हुए पुलिस टीम की समझ में आ गया कि दोनों की मानसिक तौर पर परेशान हैं तथा उपचार के लिए उन्हें करसोग अस्पताल लाया गया। इसी दौरान एक अन्य 60 वर्षीय महिला जो सनारली में घूम रही थी उसकी सूचना भी करसोग पुलिस को मिली तथा उसे भी उपचार के लिए करसोग लाया गया। करसोग अस्पताल में मानसिक रोगियों का ईलाज न होने की सूरत में तीनों को स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें उपचार के लिए मंडी भेजा गया तथा उसके बाद उन्हे बालूगंज (शिमला) स्थित एच.एच.एम.एच.आर. अस्पताल भेजा गया। दोनों महिलाओं में से एक महिला की हालत में सुधार होने के चलते उसे बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम भेज दिया गया है जबकि दूसरी महिला को उपचार के लिए बालूगंज अस्पताल में रखा गया है। इसके अलावा पुरूष की हालत में भी काफी सुधार है जिसका उपचार आई.जी.एम.सी. शिमला में चल रहा है। हालांकि अभी तक इन तीनों के बारे यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि वह कहां के रहने वाले हैं। बहरहाल, सडक़ पर बेसहारा घूम रहे महिलाओं व पुरूष को छत नसीब हो गई है।

kirti