नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने किया एनएसयूआई के धरने का समर्थन

Monday, Jul 05, 2021 - 04:59 PM (IST)

ऊना (अमित शर्मा) : नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने आज जिला मुख्यालय के एमसी पार्क में युवा कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा छात्रों को प्रमोट करने की मांग को लेकर किए जा रहे धरना प्रदर्शन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने बिना वैक्सीनेशन छात्रों को परीक्षाओं में धकेलने जाने के फैसले पर सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि एक तरफ जहां शैक्षणिक व्यवस्था का ढांचा पूरी तरह से बिगड़ चुका है वहीं सरकार छात्रों को बिना वैक्सीनेशन के परीक्षा ले रही है जो उनके साथ कुठाराघात कर रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में स्कूल शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर ही कॉलेज के छात्र-छात्राओं को भी प्रमोट करने का फैसला होना चाहिए था। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के जल शक्ति मंत्री द्वारा शिक्षकों पर दिए गए विवादित बयान को लेकर भी खूब लताड़ लगाई। मुकेश अग्निहोत्री ने महेंद्र सिंह से बिना देरी किए सार्वजनिक रूप से शिक्षक वर्ग से माफी मांगने की मांग की। इस मौके पर ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह रायजादा भी मौजूद रहे। 

जिला मुख्यालय के एमसी पार्क के बाहर युवा कांग्रेस और छात्र संगठन एनएसयूआई द्वारा कॉलेज स्तर के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा लिए प्रमोट करने की मांग को लेकर किए जा रहे धरना प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और ऊना विधानसभा क्षेत्र के विधायक सतपाल सिंह रायजादा भी सोमवार को शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने परीक्षाओं के फैसले को गलत ठहराते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। मुकेश अग्निहोत्री ने जयराम सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार देते हुए कहा कि एक तरफ सरकार के पास वैक्सीन खत्म हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर स्टूडेंटस को परीक्षा केंद्रों में बुलाकर परीक्षा देने का दबाब बनाया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बेहतर होता यदि प्रदेश सरकार स्कूल शिक्षा बोर्ड की तर्ज पर विश्वविद्यालयीय छात्र छात्राओं को भी प्रमोट करने का फैसला लेती। 

वहीं जल शक्ति मंत्री द्वारा शिक्षकों को लेकर दिए गए विवादित बयान पर राजनीतिक बखेड़ा खड़ा होता दिखाई दे रहा है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने महेंद्र सिंह के इस बयान को लेकर भी सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्री जहां अपने विभाग के कर्मचारियों की पीठ थपथपाते नहीं थकते वहीं दूसरे विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों पर विवादित बयान देकर उनका मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की विकट परिस्थितियों में कई शिक्षक कर्तव्य का निर्वाह करते हुए प्राणों की आहुति दे चुके हैं। इतना ही नहीं सरकार द्वारा लागू की जाने वाली दर्जनों योजनाएं ऐसी हैं जो शिक्षकों के बिना धरातल पर नहीं पहुंच पाती। सरकार द्वारा किए जाने वाले किसी भी प्रकार के सर्वे या फिर कोई भी चुनावी प्रक्रिया कभी शिक्षकों के बगैर पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सरकार के कद्दावर मंत्री द्वारा शिक्षकों के खिलाफ दिया गया यह बयान उनका अपमान करने के बराबर है। खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को सार्वजनिक रूप से इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
 

Content Writer

prashant sharma