हिमाचल में ऐसे अध्यापकों को अपनी नौकरी बचाने का अंतिम मौका, पढ़ें पूरी खबर

Tuesday, Sep 05, 2017 - 05:13 PM (IST)

बिलासपुर: प्रदेश के सभी निजी व सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में अब अप्रशिक्षित अध्यापक शिक्षा प्रदान करने का कार्य नहीं कर पाएंगे। ऐसे अध्यापकों को अब अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। हालांकि अध्यापन का कार्य कर रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों के पास डिप्लोमा इन एलीमैंटरी एजुकेशन (डी.एल.एड.) करके अपनी नौकरी बचाने का एक अंतिम मौका है। यदि ये अप्रशिक्षित अध्यापक 31 मार्च, 2019 तक डी.एल.एड. कर लेते हैं तो ही उनकी नौकरी बचेगी अन्यथा हिमाचल प्रदेश नि:शुल्क बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2009 व हिमाचल प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2011 में तय प्रावधानों के अनुसार इन अप्रशिक्षित अध्यापकों की नौकरी जाना तय है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों से वहां कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों की लिखित जानकारी मांगी है। 

वर्ष 2019 तक करनी पड़ेगी डी.एल.एड.
भारत सरकार द्वारा इन अप्रशिक्षित अध्यापकों को एन.आई.ओ.एस. के माश्त से डी.एल.एड. करने का अवसर दिया गया है। यह 2 वर्ष का कोर्स है, जिसमें पंजीकरण करवाने की अंतिम तिथि आगामी 15 सितम्बर तय की गई है। एन.आई.ओ.एस. की वैबसाइट पर इस कोर्स हेतु पंजीकरण करवाया जा सकता है। कोर्स की प्रथम वर्ष की फीस 4,500 रुपए निर्धारित है। इतना ही नहीं, जिन अध्यापकों के 12वीं कक्षा में 50 प्रतिशत से कम अंक हैं, उन्हें भी 31 मार्च, 2019 से पहले अपनी अंक प्रतिशतता में सुधार लाना पड़ेगा। इसके लिए भी ये अध्यापक एन.आई.ओ.एस. की ‘जब चाहो तब परीक्षा’ की मदद ले सकते हैं।

7 सितम्बर तक जमा करवाएं जानकारी
जिला प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने बताया कि सभी निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पहली से 5वीं कक्षा तक पढ़ा रहे अपने-अपने स्कूलों के सभी अप्रशिक्षित अध्यापकों की जानकारी प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय में 7 सितम्बर तक जमा करवाएं। ऐसा न करने वाले स्कूलों पर विभागीय आदेशों के अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।