शहरी निकायों को सीवरेज से जोड़ने से बनेगा बड़ा प्रोजैक्ट : जयराम

Thursday, Aug 30, 2018 - 11:00 PM (IST)

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी शहरी निकायों यानि नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायतों को सीवरेज सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रोजैक्ट केंद्र सरकार को भेजेगी। इस प्रोजैक्ट के स्वीकृत होने से शहरी निकायों में सीवरेज की समस्या का समाधान हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान हस्तक्षेप करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शहरी निकायों में सीवरेज को लेकर व्यावहारिक कठिनाई को अनुभव किया जा रहा है। इसी तरह सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और शहरी विकास विभाग के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए कमेटी का गठन होगा।

विधायकों ने सीवरेज समस्या को प्रमुखता से उठाया
विधानसभा में इस दौरान विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में सीवरेज समस्या को प्रमुखता से उठाया। शहरी विकास एवं आवास मंत्री सरवीण चौधरी ने इससे पहले प्रश्न के उत्तर में शहरी निकायों में सीवरेज के काम में तेजी लाने के लिए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग तथा शहरी विकास विभाग की कार्डिनेशन कमेटी बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग ने योजना विभाग से शहरी निकायों में नए सीवरेज की योजनाओं को स्वीकृत करने पर लगी पाबंदी को हटाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि योजना विभाग के आदेशों के बाद शहरी निकायों में नई सीवरेज योजनाओं पर पाबंदी लगी हुई है।

शहरी विकास विभाग ने सीवरेज के लिए जारी किए 41 करोड़ रुपए
उन्होंने कहा कि शहरी विकास विभाग ने शहरी निकायों में सीवरेज के लिए 41 करोड़ रुपए जारी किए हैं तथा 10 करोड़ रुपए मैंटीनैंस के लिए जारी किए हैं। साथ ही वित्त वर्ष, 2018-19 के लिए 30 करोड़ रुपए का बजट का प्रावधान किया गया है, जिसमें 10 करोड़ रुपए मैंटीनैंस के लिए रखे गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी विधायक का वर्तमान सरकार के 8 माह के कार्यकाल में सीवरेज योजना को लेकर कोई भी पत्र या सुझाव नहीं मिला है।  विधानसभा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने भी इस दौरान नाहन मुख्यालय का नाम इसमें शामिल करने की बात कही। विधायक सुरेश कुमार कश्यप सहित 8 विधायकों ने इससे संबंधित अनुपूरक प्रश्न पूछा।

पठानिया ने अपनी ही सरकार की मंत्री को घेरा
भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने सीवरेज को लेकर पूछे गए प्रश्न के उत्तर में अपनी ही सरकार की शहरी विकास एवं आवास मंत्री को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सरवीण चौधरी स्टीरियो टाइप उत्तर दे रही हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि 19 साल से योजनाएं बनाई जा रही हैं, जो आज तक पूरी नहीं हुई हैं। जमीनी स्तर पर आई.पी.एच. और यू.डी. के बीच तालमेल की कमी है। इस कारण योजनाओं के काम में देरी होने से उसकी लागत 15 गुना तक बढ़ रही है। इस पर मंत्री ने कहा कि नूरपुर की योजना वर्ष, 2006 से चल रही है। सरकार ने शहरी निकायों के लिए धन उपलब्ध करवाया है। उन्होंने कहा कि किसी भी विधायक ने वर्तमान सरकार के 8 माह के कार्यकाल में एक पत्र नहीं लिखा। विभाग स्वयं ही इन योजनाओं को लेकर चिंता कर रहा है और फिर से इसकी समीक्षा भी करेगा।

Vijay