भू स्वामी का लगा पता, अब बने जैव संरक्षण संस्थान

Thursday, Oct 11, 2018 - 11:44 AM (IST)

पालमपुर : 11.50.12 हैक्टेयर का बड़ा भू-भाग दशकों से उपयोग में तो आता रहा परंतु इसका मालिक कौन इसे लेकर विभाग भी अनभिज्ञ रहे। यदि एक संस्था इस स्थान को विकसित करने का प्रयास न करती तो शायद आज भी इसके मालिक का पता नहीं चल पाता। अब इस लंबे चौड़े भू भाग पर धौलाधार जैव विविधता संरक्षण संस्थान खोले जाने की मांग उठी है। इसके लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री को पत्र लिखा गया है तो सांसद शांता कुमार को भी इससे अवगत करवाया गया है।

50-60 के दशक में पालमपुर में नैशनल बायोलॉजीकल रिसर्च इंस्टीच्यूट की स्थापना की प्रस्तावना तैयार की गई। इसके लिए जमीन भी चिन्हित की गई परंतु बाद में यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। वर्ष 1991-92 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार की उपस्थिति में प्रदेश में वन लगाओ रोजी कमाओ योजना का शुभारंभ किया तथा वन विभाग ने भी इसी स्थान पर अपनी पौधशाला स्थापित कर दी। वन लगाओ रोजी कमाओ योजना सिरे नहीं चढ़ी तथा तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नाम की लगी पट्टिका भी यहां से गायब हो गई। ऐसे में इंसाफ संस्था ने चंद्र शेखर वाटिका के नाम संवारने का निर्णय लिया।

अब इंसाफ संस्था ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर इस स्थान पर धौलाधार जैव विविधता संस्थान खोलने का आग्रह किया है। इसी कड़ी में संस्था ने सांसद कुमार को भी आग्रह पत्र सौंपा है। इंसाफ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि प्रदेश जैव विविधता को लेकर देश भर में अग्रणी है। यहां की जैव संपदा का सदुपयोग देश के विकास में हो सके। इसके लिए इस स्थान पर धौलाधार जैव विविधता संरक्षण संस्थान खोला जाना चाहिए। इसी कड़ी में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री तथा सांसद शांता कुमार को आग्रह पत्र संस्था द्वारा सौंपे गए हैं।

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