पठानकोट-मंडी फोरलेन के लिए 5 भागों में होगा भू अधिग्रहण

Sunday, Mar 04, 2018 - 11:38 PM (IST)

पालमपुर: पठानकोट-मंडी फोरलेन के लिए प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ने समूचे पठानकोट-मंडी फोरलेन सड़क मार्ग को 5 विभिन्न भागों में बांटा है। लगभग 200 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग की प्रस्तावित फोरलेन प्रक्रिया के लिए 40-40 किलोमीटर के पॉकेट (भाग) निर्धारित किए गए हैं। इन्हीं पॉकेट के आधार पर भू अधिग्रहण की प्रक्रिया निपटाई जाएगी। जानकारी अनुसार सबसे पहले चक्की पुल से पाली तक के क्षेत्र में यह प्रक्रिया आरंभ की गई है।

भू अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना जारी 
राष्ट्रीय उच्चमार्ग अधिनियम की धारा 3ए के अंतर्गत भू अधिग्रहण को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस अधिसूचना के अंतर्गत संबंधित उपमंडलाधिकारी नागरिक जिनके क्षेत्र से प्रस्तावित फोरलेन के लिए भू अधिग्रहण किया जाना है। भू अधिग्रहण अधिकारी यानी कि भू अधिग्रहण के लिए सक्षम प्राधिकारी (सी.ए.एल.ए.) का दर्जा प्राप्त होंगे। जिन क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण किया जाना प्रस्तावित है उन क्षेत्रों के संबंधित उपमंडलाधिकारी नागरिक एवं भू अधिग्रहण अधिकारी संबंधित भू-स्वामियों को नोटिस जारी करेंगे ताकि उक्त भूमि का अधिग्रहण किया जा सके। यह प्रक्रिया पॉकेट आधार पर पूरी की जाएगी। 

3 टनल का निर्माण किया जाना प्रस्तावित
पठानकोट-मंडी फोरलेन सड़क मार्ग पर 3 टनल का निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है। कोटला से द्रमण तक 5100 मीटर टनल बनाई जानी प्रस्तावित है तो मटौर तथा कछियारी के मध्य 3500 मीटर की टनल बननी है। इसी प्रकार मंडी जनपद के बिजली में भी टनल बनाई जानी प्रस्तावित है। इन प्रस्तावित टनल के लिए वन भूमि का अधिग्रहण किया जाना है जिसके लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से भी भू अधिग्रहण के लिए अपू्रवल ली जानी है।

यहां है अधिक विस्थापन की आशंका
हिमाचल के प्रवेश द्वार कंडवाल से बौड तक के लगभग 10 किलोमीटर लंबी सड़क मार्ग पर कंडवाल, नागाबाड़ी, राजा का बाग, जसूर, छतरौली, जाछ तथा बौड ऐसे क्षेत्र हंै जहां बड़ी संख्या में आवासीय तथा व्यावसायिक परिसर प्रस्तावित पठानकोट मंडी फोरलेन की परिधि में आ सकते हैं। ऐसे में लोग इस क्षेत्र से फोरलेन के लिए किए गए सर्वे को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

इन गांवों में हो सकता है भू अधिग्रहण
पठानकोट मंडी के प्रस्तावित फोरलेन कार्य के दौरान जो सर्वेक्षण किया गया है उसके अंतर्गत कांगड़ा जनपद के नगरोटा के अंतर्गत रजियाणा, सदरपुर, थानपुरी, बड़ोई, कुनेहड, कायस्थबाड़ी, रंहू, लाहडू, तरयाड़, द्रुगा, खटरैहड, मुहालकड़ ,पंतेहड़, उपरली अंबाडी, झिकली अंबाडी, मलां खास, पुंखड, मलां अंबाडी व गुहरेडा आते हैं जबकि पालमपुर क्षेत्र में की गई सर्वेक्षण में चेली, टांडा, दरंग, परौर, झिखली मैंझा, फरेड़, जसूं, सलां, भट्टू समूला, अरला, रायपुर टी एस्टेट, बाग बूहला, दैहन, वनघिहार, बदेहड़, कसौटी, पट्टी, दियोग्रां, परनोह, बडोहल, बगेहड़, मझैरनू, खुडली, रक्कड़, मझैरना व उपरला मझैरना आदि शामिल हैं। इन्हीं क्षेत्रों में भवन तभा छोटे बाजार भू अधिग्रहण की चपेट में आ सकते हैं। पंचरुखी क्षेत्र में लगभग 250 व्यवसायियों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

मुआवजा राशि किस आधार पर तय होगी, स्थिति स्पष्ट नहीं 
भू अधिग्रहण को लेकर दिए जाने वाली मुआवजा राशि किस आधार पर तय होगी इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। यद्यपि राजस्व विभाग द्वारा तहसील स्तर पर सर्कल रेट पहले ही निर्धारित किए जाते हैं। भूमि की स्थिति के आधार पर यह मूल्य निर्धारित किए जाते हैं। कांगड़ा जनपद में कुछेक तहसीलों के सॢकल रेट हाल ही में संशोधित भी किए गए हैं वही कमॢशयल रेट के आधार पर भी भूमि के मूल्य निर्धारित होते हैं। कमॢशयल रेट हाल ही में अंतिम उच्च मूल्य पर हुए भूमि के सौदे के आधार पर निर्धारित होते हैं। जानकार बताते हैं कि भू अधिग्रहण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 4 गुना तथा नगरीय क्षेत्रों में दोगुना मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। 

फोरलेन संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखा पक्ष
फोरलेन संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल विधायक राकेश पठानिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला तथा फोरलेन के लिए जो प्रस्तावित सर्वे का प्रारूप तैयार किया गया है उसे निरस्त करने की मांग की।लोगों का तर्क है कि न केवल आवासीय तथा व्यावसायिक परिसर अपितु 8000 हरे पेड़ों पर भी कुल्हाड़ी चलेगी। ऐसे में लोगों ने नए सिरे से सर्वे करवाने की मांग की है तथा विस्थापन न हो इसके लिए बाईपास सड़क के निर्माण की मांग भी रखी है। संघर्ष समिति का तर्क है कि इस प्रस्तावित बाईपास के अंतर्गत अधिकांश सरकारी तथा बंजर भूमि ही आएगी तथा भू अधिग्रहण के एवज में दिए जाने वाले मुआवजे की राशि भी कहीं कम हो जाएगी।