यहां हर साल लाखों की सम्पत्ति हो रही राख, पढ़ें पूरी खबर

Thursday, May 17, 2018 - 12:11 PM (IST)

भोरंज : उपमंडल मुख्यालय भोरंज में पिछले करीब 2 दशकों से प्रमुखता से उठ रही अग्निशमन कार्यालय की मांग को न तो कांग्रेस और न ही भाजपा सरकार पूरा कर पाई है। गर्मियों का मौसम आते ही लोगों को आगजनी की चिंता सताने लगती है। हर वर्ष भोरंज क्षेत्र के विभिन्न कस्बों में लाखों रुपए के आशियाने आग की भेंट चढ़ जाते हैं और प्रदेश में सत्तासीन हुई सरकारें चुनावों में वोटों की राजनीति तक ही सिमट कर रह गई हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों में आक्रोश और भी गहरा होता जा रहा है।

हमीरपुर से पड़ता है 30 से 40 कि.मी. तक का सफर
भोरंज उपमंडल के तहत करीब 3 दर्जन पंचायतों में कहीं आग लगने पर 30 से 40 किलोमीटर दूर हमीरपुर से अग्निशमन की गाड़ी बुलानी पड़ती है। इन गाडिय़ों को मौके पर पहुंचने में काफी समय लग जाता है और इनके पहुंचने तक सब कुछ राख हो चुका होता है। अगर भोरंज में अग्निशमन केंद्र खुल जाए तो क्षेत्र में अग्निकांड से होने वाले नुक्सान को काफी कम किया जा सकता है। इस कारण क्षेत्र के लोग कई वर्षों से यहां केंद्र खोलने की मांग कर रहे हैं। हर वर्ष दर्जनों गऊशालाएं, आशियाने और जंगल आग की भेंट चढ़ जाते हैं। करोड़ों रुपए के नुक्सान के बावजूद भी किसी की आंखें नहीं खुल रही हैं। पिछले दिनों भोरंज में अग्निशमन केंद्र के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद भी भोरंज में अग्निशमन केंद्र नहीं खुल पाया है।

लोगों ने विधायक के समक्ष रखी मांग
उपमंडल भोरंज में लंबे अरसे से अग्निशमन केंद्र खोलने की मांग हो रही है परंतु कोई भी जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। क्षेत्र के लोगों व पंचायत प्रतिनिधियों प्रधान जाहू राजू, मुंडखर प्रधान प्रकाश चंद, भलवाणी के प्रधान संजीव आंगरिया, बाहन्वीं के प्रधान दीप कुमार, उपप्रधान राकेश कुमार, धमरोल पंचायत प्रधान विजय कुमार, कड़ोहता संतोष धीमान, उपप्रधान वीरेंद्र डोगरा, भौंखर प्रधान रणजीत सिंह, झरलोग प्रधान नरेश ठाकुर, उपप्रधान प्रकाश राणा, खरवाड़ प्रधान मदन कौशल, पूर्व प्रधान पपलाह धर्म दास, कक्कड़ पंचायत के उपप्रधान जय सिंह व ग्रामीण जगदीश चंद, कश्मीर चंद, वीरी सिंह, रमेश चंद, सम्मी, सुलोचना देवी व कौशल्या देवी इत्यादि ने प्रदेश सरकार व स्थानीय विधायक कमलेश कुमारी से मांग की है कि भोरंज में प्राथमिकता के आधार पर अग्निशमन केंद्र खोला जाए और जब तक अग्निशमन केंद्र नहीं खुलता है, तब तक 3 माह तक लघु सचिवालय परिसर में फायर ब्रिगेड की गाड़ी खड़ी की जाए ताकि जरूरत पडऩे पर गाड़ी बिना समय नष्ट किए घटनास्थल तक पहुंच कर प्रभावित परिवारों को राहत दिला सके और लोगों को बेघर होने तथा उनके जीवन की जमा पूंजी को भी बचाया जा सके।

kirti