लाहौल-स्पीति में पारा लुढ़कने से जमने लगी झीलें व नाले

Sunday, Nov 08, 2020 - 09:21 PM (IST)

मनाली (सोनू): प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद पारा शून्य के नीचे चला गया है। तापमान में गिरावट के कारण लाहौल-स्पीति सहित कुल्लू, किन्नौर और चम्बा जिलों की 12 से 17 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सभी झीलें व झरने जमने लगे हैं। देश व दुनिया के ट्रैकरों की पहली पसंद 14190 फुट ऊंची चंद्रताल झील सैलानियों के लिए पहले ही बंद कर दी है। सैलानी इस झील के दीदार अब अगले साल ही कर सकेंगे। शीत मरुस्थल लाहौल घाटी की 14091 फुट ऊंची ढंखर झील सहित लेह मार्ग पर स्थित 15840 फुट ऊंची सूरजताल झील और पट्टन घाटी की 14000 हजार फुट ऊंची नीलकंठ झील भी तापमान लुढ़कने से जमने लगी हंै। अटल टनल बनने से इस बार नवम्बर महीने में वाहनों की आवाजाही अभी तक सुचारू चल रही है।

सेना के वाहन भी इस मार्ग पर सरपट दौड़ रहे हैं। जिला कुल्लू के रोहतांग दर्रे के समीप 14290 फुट दशोहर झील, 14100 फुट ऊंची भृगु झील भी जम गई हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में पहाड़ों पर अभी भारी मात्रा में बर्फ  नहीं गिरी है, लेकिन पिछले सप्ताह हुई हल्की बर्फबारी के बाद तापमान लुढ़कने से झीलें जमने लगी हैं। तापमान के लुढ़कते ही लाहौल घाटी में सॢदयों का आगाज भी हो गया है। मनाली-लेह मार्ग भी बारालाचा, भरतपुर सिटी, तंगलंगला व लाचुंगला दर्रा बर्फ  पडऩे से बंद हो गया था लेकिन बीआरओ ने सेना के वाहनों की आवाजाही को देखते हुए 2 दिनों के भीतर इस मार्ग को बहाल कर दिया था।

बीआरओ की मानें तो अटल टनल बनने से मनाली-लेह मार्ग बहाल रखने में आसानी हो रही है। यह मार्ग 15 अक्तूबर से प्रशासनिक तौर पर बंद हो जाता था, लेकिन इस बार अटल टनल बनने व सेना के वाहनों की आवाजाही को देखते हुए बीआरओ ने लेह मार्ग वाहनों के लिए खुला रखा है। बीआरओ ने भी बढ़ती ठंड को देखते हुए सरचू, भरतपुर सिटी, बारालाचा, जिंगजिंगबार और पटसेउ से अपना काम समेट लिया है। लाहौल के ट्रैकरों रोकी, लारा और टशी ने बताया कि पारा माइनस में जाने से घाटी की झीलें जम गई हैं। घाटी में भी पारा माइनस पर लुढ़कने लगा है।

पर्यटक मौसम के हालात को देख कर ही करें लाहौल का रुख

एसडीएम मनाली रमन घरसंगी ने बताया कि पर्यटकों को झीलों की ओर न जाने की हिदायत दी गई है। एसडीएम केलांग राजेश भंडारी ने बताया कि मौसम को देखते हुए सैलानियों को लेह मार्ग पर स्तींगरी से आगे जाने की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने सैलानियों से आग्रह किया कि मौसम के हालात देखकर ही अटल टनल से ही लाहौल की ओर रुख करें। बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर ने बताया कि सेना के वाहनों की आवाजाही को देखते हुए लेह मार्ग बहाल रखा गया है। बीआरओ भारी बर्फबारी होने तक लेह मार्ग को बहाल रखने का प्रयास करेगा।

Vijay