जानलेवा साबित हो रहा गोबिंदसागर झील का जलस्तर, कभी भी हो सकता हैं बड़ा हादसा

Tuesday, Sep 12, 2017 - 05:09 PM (IST)

बिलासपुर  : गोबिंदसागर झील का लगातार जलस्तर बढ़ने से से तटवर्ती प्रतापनगर क्षेत्र के गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। बिलासपुर के लुहणू घाट में पर्यटक व स्थानीय लोग खतरा मंडराने लगा है। लेकिन विभाग ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई इंतजाम  नहीं किया। जानकारी के मुताबिक  सितंबर के माह में गोबिंदसागर झील पूरे उफान पर होती है। प्रतिदिन यहां पर लगातार तीन से चार फीट पानी का जलस्तर बढ़ता है, जिससे कभी भी यहां पर बड़ा हादसा हो सकता है, परंतु जिला प्रशासन द्वारा यहां पर इस झील से दूरी बनाए रखने के कोई चेतावनीं बोर्ड नहीं लगाए गए हैं। जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते विभागीय अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। पर्यटक व स्थानीय लोग की सुरक्षा के प्रशासन ने यहां पर बेशक लोहे की चारदीवारी लगा दी हो, परंतु विभाग ने एक बार भी यहां पर चेतावनी बोर्ड लगाना अच्छा नहीं समझा। लेकिन अगर झील के साथ लगते श्मशानघाट की हालत देखें तो वहां पर विभाग द्वारा कोई भी चारदीवारी नहीं लगाई है, जिससे कभी भी यहां पर कोई व्यक्ति या फिर पशुओं का पैर फिसलकर सीधे झील में जाकर गिर सकता हैं। विभाग द्वारा यहां देखरेख के लिए पुख्ता इंतजाम भी नहीं है।

हादसों को रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं
सूत्रों से की माने तो  कई बार यहां आवारा पशुओं की झील में गिरने से मौत हो जाती है। हालांकि कई बार इस संदर्भ में स्थानीय लोगों द्वारा जिला प्रशासन को अवगत करवाया गया, परंतु विभाग द्वारा यहां पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। स्थानीय लोगों में मनीश कुमार, गौरव कुमार, संतोषी देवी, राजन शर्मा, प्रदीप शर्मा, विजय कुमार, अशोक कुमार, विनय वर्मा, आशुतोष कुमार, अभिषेक वर्मा, विकास, जितेंद्र व अन्य दर्जनों लोगों ने बताया कि आए साल जब भी यहां पर पानी चढ़ता है तो कई आवारा पशुओं व लोगों की पानी में डूबने से मौत हो जाती है। हाल ही में एक व्यक्ति शाम के समय यहां पर टहल रहा था। इस दौरान पांव फिसलने से वह झील में डूब गया। लोगों का कहना है कि इस तरह के हादसे आए साल यहां पर होते हैं, परंतु एक बार भी जिला प्रशासन इन हादसों को रोकने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं करता है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि झील के किनारों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं, ताकि अगर कोई पर्यटक व स्थानीय लोग आए तो वे इस झील से दूरी बनाकर रखें, क्योंकि इस झील की गहराई बहुत है, जिसके चलते झील में गिरने से तुरंत मौत हो जाती है।