इंद्रहार ग्लेशियर की लहेश केव का मिट सकता है वजूद

Sunday, Nov 12, 2017 - 04:46 PM (IST)

मैक्लोडगंज:  त्रियूंड व इंद्रहार ग्लेशियर के बीच प्राकृतिक रूप से बनी लहेश केव का वजूद खतरे में नजर आ रहा है। एक बड़ी चट्टान के नीचे प्राकृतिक रूप में बनी यह गुफा कई साल से ट्रैकिंग के शौकीनों के साथ भेड़ पालकों के लिए संकटमोचक का काम सदियों से करती चली आ रही है। कुछ साल से इस गुफा की तरफ किसी का कोई ध्यान न होने से यह बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। 

कभी एक साथ 40 लोग लेते थे शरण
43 सौ मीटर की ऊंचाई पर स्थित लहेश केव एक चट्टान के नीचे है। यहां कभी एक साल चालीस लोग शरण ले पाते थे। कई साल पहले तक इंद्रहार के समीप पहुंचने वाले ट्रैकर्स यहीं रुकते आ रहे हैं। 

कई सालों से नहीं हो पाई सफाई
इसके अलावा भेड़पालक भी यहां रुकते हैं, लेकिन इस गुफा में कई साल से सफाई न होने के कारण यहां लगातार कीचड़ जमा हो रहा है। इससे गुफा की ऊंचाई व चौड़ाई कम होने लग पड़ी है। लहेश केव रोमांचक पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह मानी जाती है। लेकिन अब इस तरफ किसी का कोई ध्यान नहीं है।

सफाई न होने से कई हुई लहेश केव की ऊंचाई
डवेंचर टूअर ऑपरेटर एसोसिएशन के सदस्य सुभाष नैहरिया का कहना है कि यह बात सही है कि लहेश केव की ऊंचाई कम हुई है यह स्थान ट्रैकिंग करने वालों के लिए मुश्किल की घड़ी में मदद करती है। इसे ठीक करने के लिए जल्द ही कदम उठाया जाएगा।

संरक्षण के लिए उठाया जाएगा कदम
माउंटनियरिंग एक्सपर्ट एसआर सैनी ने बताया कि लहेश केव की तरह विरली ही गुफाएं देखने को मिलती हैं। इस अदभुत गुफा को संरक्षित रखने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।