BRO की मेहनत लाई रंग, इस रूट के जरिए जम्मू से जुड़ा लाहौल-स्पीति

Thursday, Feb 06, 2020 - 11:20 PM (IST)

मनाली (सोनू): सर्दियों में भारी बर्फबारी से अवरुद्ध हुआ केलांग-उदयपुर वाया किलाड़-जम्मू मार्ग सीमा सड़क संगठन के अथक प्रयास से रिकॉर्ड समय में बहाल हो गया है। इस मार्ग के बहाल होने से लाहौल-स्पीति जम्मू से जुड़ गया है। सड़क बहाली से लाहौल के लोगों को भी 2 महीने बाद हरी सब्जियों का स्वाद चखने को मिला है। हालांकि सब्जी की एक ही गाड़ी लाहौल पहुंची। ग्रामीण वीरेंद्र, अनिल शाशनी व रविंद्र ने बताया कि हरी सब्जी देख उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बताया कि एक ही दिन में सारी सब्जियां खत्म हो गईं।

ग्रामीणों ने जताया बीआरओ का धन्यवाद

रोहतांग दर्रा अभी बंद है लेकिन वाया किश्तवाड़ होते हुए लाहौल-स्पीति जम्मू से जुड़ गया है। लाहौल के लोग भी अब छोटे वाहनों द्वारा किलाड़ व गुलाबगढ़ से जम्मू होते हुए घाटी से बाहर निकल सकते हैं। मार्ग के बहाल होने से लाहौल घाटी सहित पांगी व किलाड़ के हजारों लोगों को राहत मिल गई है। ग्रामीणों ने मार्ग बहाली के लिए बीआरओ का धन्यवाद जताया है। सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल उमाशंकर ने बताया कि संगठन ने इस मार्ग को बहाल कर लाहौल व पांगी घाटी के लोगों को राहत पहुंचाई है।

लोगों के लिए कई बार जीवनरेखा साबित हुआ है किश्तवाड़ मार्ग

केलांग-उदयपुर-किश्तवाड़ 250 किलोमीटर लंबा मार्ग है। यह सर्दी में लाहौल व पांगी को बाहर की दुनिया से जोड़े रखने का एकमात्र वैकल्पिक मार्ग है। हालांकि केलांग-कुल्लू वाया रोहतांग के मुकाबले वाया जम्मू व किश्तवाड़ बहुत ही अधिक लंबा है, लेकिन यह लाहौल घाटी के लोगों के लिए कई बार जीवनरेखा भी साबित हुआ है। रोहतांग होते हुए लाहुलियों को घर पहुंचने के लिए 125 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है लेकिन जम्मू होते हुए यह सफर 800 से 1000 किलोमीटर तक पहुंच जाता है।

Vijay