लाहौल-स्पीति और कुल्लू में बर्फबारी से थमी जिंदगी, कहीं बिजली तो कहीं सड़कें बेहाल(Video)

Friday, Feb 08, 2019 - 05:20 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): कुल्लू व लाहौल-स्पीति में भारी बर्फबारी से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। विश्व प्रसिद्व पर्यटन स्थल रोहतांग दर्रे पर 8 फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है और केलांग में 3 फीट ताजा बर्फबारी हुई है जिससे पूरा लाहौल 2 दिनों से अंदेरे में डूब गया है। भारी बर्फबारी के कारण जिला कुल्लू की 170 सड़कें बंद हो गई है और सभी सड़कों पर यातायात व्यवस्था भी शुक्रवार सुबह से बंद पड़ी हुई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की ओर पानी की सप्लाई करने वाली 70 योजनाएं भी ठप पड़ी हुई है।


लाहौल वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मनाली में कई जगह वाहनों के ऊपर पेड़ गिरे हुए हैं। यहां एक गांव से दूसरे गांव में संपर्क कट गया है। बर्फबारी से लोग घरों के अंदर रहने को मजबूर हो गए हैं। वहीं पर्यटन नगरी मनाली में रफ्तार थम गई है और सोलंगनाला, कोठी, पलचान में 3 फीट से अधिक बर्फबारी से 2 दर्जन से अधिक गांव में यातायात ठप्प पड़ गया है। 


बिजली व्यवस्था की बात करें तो शुक्रवार सुबह 890 बिजली के ट्रांसफार्मर बंद हो गए जिनमें से शुक्रवार देर शाम तक 500 अभी भी बंद पड़े हुए हैं। वहीं लगघाटी व मणिकर्ण घाटी की सड़क भी पेड़ों के गिरने से जगह-जगह बाधित हुई है। हालांकि जिला प्रशासन की टीमें सुबह से ही व्यवस्थाओं को बहाल करने में जुटी हुई है लेकिन प्रकृति के इस कहर से निपटने के लिए टीमों को अभी 2 दिन का समय लग सकता है।

कुल्लू जिला में ग्रामीण क्षेत्रों में 5 दर्जन सड़कें बंद होने से परिवहन निगम के करीब 70 से अधिक बस रूट प्रभावित हुए हैं। 2 दर्जन बस रूटों पर परिवहन निगम की बसें फंसी है। वहीं ऐतिहासिक प्राचीन गांव मलाणा में 2 फीट से अधिक ताजा बर्फबारी हुई है जिससे मलाणा गांव ढाई हजार से अधिक जनसंख्या भारी बर्फबारी के कारण घरों के अंदर दुबके हैं। मौसम विभाग ने भी जिला कुल्लू में 14 फरवरी तक मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। जिसके चलते प्रशासन ने जनता से एक बार फिर आग्रह किया है कि वे हिमस्खलन ऊंचाई वाले स्थानों की ओर बिल्कुल बिल्कुल भी ना जाए। ​​​​​​​


जिला प्रशासन ने शिक्षण संस्थान में एक दिन की छु्ट्टी घोषित की है। इस बर्फबारी से प्राकृतिक संतुलन बनेगा और जो ग्लेशियर पिछले कई बर्षो से पिघल रहे थे उनकों संजीवनी मिली है और प्राकृतिक जलस्त्रोतों को इसका फायदा होगा और लोगों को गर्मियों में पीने के पानी की समस्या भी नहीं होगी। स्थानीय बागवान राहुल वत्स ने बताया कि 4 सालों के बाद बर्फ ढालपुर मैदान तक बर्फ पहुंची है। यह बागवानों के लिए सोने की तरह काम करेगी।

Ekta