लाहौल-स्पीति को स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार, केलांग अस्पताल खुद बीमार

Monday, Dec 03, 2018 - 04:02 PM (IST)

मनाली (ब्यूरो): प्रदेश के सबसे दुर्गम जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की 30 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार है। जिला के सबसे बड़े केलांग अस्पताल में सरकार ने 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद तो सैंक्शन कर रखे हैं, लेकिन वर्तमान समय में यहां एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। लिहाजा इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लाहौल के जिला मुख्यालय केलांग में स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों के लिए कितनी मददगार साबित होती होंगी। करीब 70 बिस्तरों वाले इस अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के अलावा कुल 16 डॉक्टरों के पद सृजित किए गए हैं, लेकिन वर्तमान समय में अस्पताल में 3 डाक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

अस्पताल में इन दावों की हवा निकल रही

अन्य पद खाली चल रहे हैं। सरकार जहां जनजातीय जिला में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने के दावे करती नजर आती है, वहीं केलांग अस्पताल में इन दावों की हवा निकल रही है। लाहौल घाटी शेष विश्व से करीब 5 माह के लिए कट चुकी है, ऐसे में बर्फबारी के बीच यहां लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर नाममात्र की सुविधा दी गई। लाहौल के जिला मुख्यालय केलांग में अस्पताल का भवन तो काफी बड़ा है, लेकिन सर्दियों में यह भवन भी लोगों के काम नहीं आ रहा है। वर्षों से डाक्टरों की कमी झेल रहे केलांग अस्पताल में आज तक डॉक्टरों के सभी पद भरे नहीं जा सके हैं। उधर, लोगों का कहना है कि सरकार को यहां पर डॉक्टरों की तैनाती करनी चाहिए, ताकि सर्दियों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। 

लोगों को रहना पड़ता है केलांग अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर

गर्मियों में तो रोहतांग दर्रा खुला रहता है और लोगों की आवाजाही कुल्लू-मनाली के लिए बनी रहती है, ऐसे में स्वास्थ्य जांच के लिए लोग आसानी से जिलाभर में पहुंच जाते हैं, लेकिन हालात तब खराब हो जाते हैं, जब रोहतांग दर्रा भी बंद हो जाता है और लोग लाहौल में ही कैद हो जाते हैं। ऐसे में केलांग अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन वहां पर भी सर्दी-जुकाम की ही दवाएं मिलती हैं। किसी भी तरह का कोई विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना यहां पर करना पड़ता है। 

क्या कहते हैं लाहौलवासी 

केलांग के स्थानीय निवासी अशोक कारपा, दोरजे, दिनेश कुमार व अशोक का कहना है कि सरकार ने केलांग अस्पताल को तो बड़ा तो बना दिया है, लेकिन यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। उनका कहना है कि मात्र 3 डाक्टरों के सहारे अस्पताल को चलाया जा रहा है यह लाहौल के लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। सरकार को केलांग अस्पताल में डाक्टरों की तैनाती करनी चाहिए, ताकि सर्दियों में घाटी में रहने वाले लोगों का सही उपचार हो सके। 

सर्दियों में रहती है ऑक्सीजन की कमी

घाटी में सबसे ज्यादा सर्दियों के दौरान ऑक्सीजन की कमी देखने को मिलती है। इसके अलावा आंखों से संबंधित रोग की शिकायत भी सर्दियों में ज्यादा लोगों को होती है। डॉक्टरों का कहना है कि लाहौल में बर्फबारी के बाद विजिबिल्टी डिस्टरवैंस की शिकायत मरीज ज्यादा करते हैं। सर्दी-जुकाम व वायरल के भी मरीज अस्पताल पहुंचते हैं।

इस बार की कुछ ऐसी है तैयारी

केलांग अस्पताल प्रशासन का कहना है कि सर्दियों में लाहौल के लोगों को जीवन रक्षक दवाइयों की कमी न हो इसके लिए उचित व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने पी.एच.सी. से लेकर सी.एच.सी. तक सभी दवाइयों की खेप वहां पहुंचा दी है। 

Ekta