स्कूलों में खराब Result पर बोले वीरभद्र, शिक्षक पूरी तरह से जिम्मेदार

Wednesday, Dec 07, 2016 - 07:08 PM (IST)

घुमारवीं: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने बुधवार को कड़क अंदाज में कहा कि राज्य भर के तमाम सरकारी क्षेत्र के स्कूलों में सुप्रशिक्षित स्टाफ  के बावजूद अगर बच्चे थर्ड डिवीजन में पास हो रहे हैं और रिजल्ट खराब आ रहा है तो इसके लिए पूरी तरह से शिक्षक ही जिम्मेदार हैं न कि बच्चे, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों की जिम्मेदारी के साथ-साथ इस मामले में बच्चों के अभिभावकों को भी बच्चों के पठन-पाठन को लेकर जागरूकता बनाए रखना चाहिए। 

मुख्यमंत्री ने आज स्पष्ट ऐलान कर दिया कि अब राज्य के स्कूलों में इम्तिहानों की नजदीकी को देखते हुए टीचरों को बिल्कुल भी तबदील नहीं किया जाएगा। उन्होंने ङ्क्षचता जताई कि नई नियुक्तियां होने के एक माह के बाद ही शिक्षक अपने तबादले के लिए आग्रह पत्र लेकर आ जाते हैं। ऐसे शिक्षक स्पष्ट जान लें कि सरकार तबादले बिल्कुल नहीं करेगी। सिर्फ उन्हीं शिक्षकों के बारे में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा सकता ह, जोकि संबंधित स्टेशनों पर अपना सरकार की ओर से तय किया गया कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उन्होंने नेताओं को भी सलाह दी कि वे शिक्षकों या दूसरे विभागों में तैनात कर्मचारियों के तबादले में बगैर मतलब के दखलअंदाजी न करें। सरकार खुद जानती है कि किसका कार्यकाल पूरा हो गया है और किसे कब और कहां पर बदलना है। 

वीरभद्र सिंह बुधवार को सदर विस हलके के तहत आने वाले कुठेड़ा व झंडूता कस्बों में जनसभाओं को संबोधित कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने राज्य भर के सरकारी स्कूलों-कालेजों में तैनात शिक्षकों का आह्वान किया है कि वे लगन से बच्चों को पढ़ाएं ताकि बच्चे फस्र्ट डिवीजन में पास हों। वीरभद्र सिंह ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात लाखों कर्मचारियों से भी कहा है कि वे प्रदेश की जनता की सेवा करें। सी.एम. ने यह भी कहा कि जो कर्मचारी कामचोर हैं, वे भी अपने दायित्व को समझें और प्रदेश के लिए किसी न किसी रूप में अपनी सेवाएं दें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को साफ  निर्देश दिए हैं कि हर दिन वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से चिकित्सकों की भर्ती की जाए। मुख्यमंत्री ने कुठेड़ा व हरलोग के बीच आई.टी.आई. खोलने तथा मोरसिंघी स्कूल में विज्ञान की कक्षाएं शुरू करने की घोषणा भी की।

गौ संरक्षण प्रयास में सहयोग करें लोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को सरकार के गौ संरक्षण के प्रयासों में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में गौ संवद्र्धन बोर्ड का गठन किया गया है। इसके लिए चालू वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है लेकिन लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने तथा गऊशालाएं खोलने में आगे आना चाहिए। राज्य सरकार उनकी पूरी सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार श्रेष्ठ आश्रय तथा देखभाल सुविधा प्रदान करने वाले गौसदनों को पुरस्कार भी प्रदान करेगी।