27 लाख आबादी वाले इलाकों में बोली जाती है भोटी भाषा : रिगजिन

Monday, Dec 17, 2018 - 09:16 PM (IST)

केलांग (ब्यूरो): केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सरकार ने हिमालय क्षेत्र की भाषा भोटी समेत राजस्थानी तथा भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की संवैधानिक प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यह जानकारी राजनाथ सिंह ने सोमवार को हिमालयन बुद्धिस्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के बाद दिल्ली में दी। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार ने सीताकांत महापात्रा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो भाषाओं की योग्यता को मापने के बाद रिपोर्ट सौंपेगी। गृह मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि भारतीय भाषाओं की केंद्रीय संस्थान ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।

संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषओं को मान्यता मिली है

हिमालयन भोटी भाषा क्षेत्र के कद्दावर नेता व भोटी भाषा मान्यता समिति हिमाचल इकाई के संयोजक रिगजिन हायरपा के अलावा प्रतिनिधिमंडल में चेयरमैन कार्मिक विभाग जमबे वांगडी, सिक्किम से टशी डेंसपा, लद्दाख से पदमा गुरमीत, उत्तराखंड से गोविंद खम्पा, दार्जीङ्क्षलग से सोनम लहुंदुप, राजस्थान से श्याम नाथ मिश्रा, किन्नौर से थुपटेंन दोरजे, लाहौल-स्पीति से जिग्मेट नोरबू, फुचोग राय तथा शाम आजाद शामिल थे। रिगजिन ने बताया कि अब तक संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषओं को मान्यता मिली है और 38 अन्य भारतीय भाषाएं मान्यता के लिए भारत सरकार के पास विचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि भोटी भाषा हिमालय के सीमांत क्षेत्र अरुणाचल, सिक्किम, मेघालय शिलोंग, दार्जीलिंग, क्लिम्पोग, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, लाहौल-स्पीति, लद्दाख, किन्नौर, चम्बा, पांगी, कारगिल जांस्कर, कुल्लू, मनाली और पाडर में करीब 27 लाख से ज्यादा आबादी द्वारा बोली जाती है। उन्होंने कहा कि भोटी प्राचीन समय से लेकर तिब्बत के साथ संपर्क की भाषा रही है।

Kuldeep