इस IAS अफसर ने पेश की बड़ी मिसाल, शहीद परमजीत की बेटी को माना अपना

Thursday, May 04, 2017 - 10:11 AM (IST)

ऊना: सीमा पर सैनिकों के साथ हुए अत्यंत अमानवीय व्यवहार से शहादत पाने वाले सैनिकों और उनके परिवारों की चीखो-पुकार से द्रवित हुए आई.ए.एस. अधिकारी यूनुस ने तरनतारन के शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह की बेटी को गोद लेने का निर्णय लिया है। अब शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह की छोटी पुत्री के पालन-पोषण से लेकर उसकी शादी तक तमाम दायित्व का निर्वहन आई.ए.एस. अधिकारी एवं डी.सी. कुल्लू यूनुस तथा उनकी पत्नी आई.पी.एस. अधिकारी एवं सोलन की एस.पी. अंजुम आरा करेंगी। 



बेटी को गोद लेकर समाज को आईना दिखाया
देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले जांबाज सैनिकों के परिवारों को अपना परिवार मानकर उनके पालन-पोषण के दायित्व के निर्वहन का ज्यों ही ख्याल यूनुस के मन में आया तो उन्होंने तुरंत शहीद परमजीत की पत्नी परमजीत कौर, शहीद के भाई और अन्य परिजनों से संवाद के बाद अपने मन की बात से उन्हें अवगत करवाया। पूर्व नौसैनिक कल्याण संगठन व इंडियन एक्स सर्विसमैन लीग के वाइस चेयरमैन राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि वह इस बात से अत्यंत प्रभावित हैं कि यूनुस ने एक परिवार की बेटी को गोद लेकर समाज को उस राह पर चलने का आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देशवासी देश के लिए लडऩे वाले सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति इस प्रकार का रवैया रखे। उन्होंने यूनुस के इस फैसले को अत्यंत सराहनीय करार दिया है। 


जानिए कौन-कौन है परमजीत के परिवार में 
शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह के 3 बच्चे हैं जिनमें एक 16 वर्ष की बड़ी बेटी तथा 12 वर्षीय जुड़वां बेटा और बेटी हैं। यूनुस ने छोटी बेटी को गोद लेने का निर्णय लिया है। हालांकि यह बेटी अपनी मां और भाई-बहन के साथ ही रहेगी लेकिन उसकी परवरिश का सारा दायित्व यूनुस का ही रहेगा। इसको लेकर परिवार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है। यूनुस हर माह इस बेटी के खाते में राशि भेजेंगे। यही नहीं, पढ़ाई से लेकर अन्य तमाम दायित्व का निर्वहन भी वह स्वयं करेंगे। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के संकल्प को भी पूरा करेंगे और उसका भविष्य संवारने के लिए वह हरसंभव मदद देंगे जो जरूरी होगी। 


हमारी जिम्मेदारी है यह
शहीद नायब सूबेदार परमजीत सिंह की बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी लेने के फैसले पर जब डी.सी. कुल्लू यूनुस से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने माना कि उन्होंने तथा उनकी पत्नी ने यह फैसला किया है। वे देश की सीमा पर पाकिस्तान की बर्बरता की घटना से अत्यंत द्रवित हैं। जिन सैनिकों की वजह से देश का प्रत्येक नागरिक सेफ है, उन सैनिकों के परिजनों को भी हम सुरक्षा दे पाएं, ऐसा हर किसी को करना चाहिए। यूनुस ने कहा कि उनकी शहीद परमजीत के परिवार से बात हुई है। वह छोटी बच्ची को गोद ले रहे हैं। वतन के लिए लडऩे वालों के प्रति प्रत्येक देशवासी को फक्र होना चाहिए। शहीद सैनिकों के परिवारों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी देशवासियों को निभानी चाहिए।