कुल्लू में देवसत्ता पर टिका होता है वोट बैंक

Monday, Oct 16, 2017 - 09:53 AM (IST)

कुल्लू (शम्भू प्रकाश): देवी-देवताओं की धरती कुल्लू में कई वोट देवी-देवताओं से अटूट आस्था के चलते भी स्थिर रहते हैं या इधर से उधर हो जाते हैं। कुल्लू के लोगों की देवी-देवताओं के प्रति गहन आस्था है। कुल्लू में हर गांव, हर हारयान क्षेत्र के अलग-अलग देवी-देवता हैं। गांव के देवता को ग्राम देवता और 8-10 गांवों के लोगों के मान्य देवता को हारयान क्षेत्र का देवी या देवता मानते हैं। हर परिवार के अपने कुल देवी-देवता भी हैं। कई परिवार 2 या 2 देवी-देवताओं को भी कुल देवी या देवता के रूप में मानते हैं। किसी भी मंगल कार्य में प्रथम पूज्य श्रीगणेश के बाद ये लोग कुल देवता की ही पूजा करते हैं। किसी भी मांगलिक कार्य के आयोजन से पहले कुल देवी या देवता की मंजूरी ली जाती है। यहां कई सामाजिक कार्य लोग देवी-देवताओं के आदेशानुसार ही करते हैं। 


अब राजनीति में भी देवी-देवताओं के आदेशों को लोग मान रहे
अब राजनीति में भी देवी-देवताओं के आदेशों को लोग मान रहे हैं। कई बार प्रत्याशियों और किसी सियासी दल के पदाधिकारियों को किसी परिवार का डर रहता है कि इस परिवार के वोट संबंधित प्रत्याशी को नहीं मिलेंगे। इसके पीछे नाराजगी, अनदेखी या अन्य कई कारण हो सकते हैं। ऐसे कई परिवार संबंधित प्रत्याशी से नाराज होते हैं और दूसरे सियासी दल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने का उन्होंने मन बना लिया होता है। जिस प्रत्याशी के हाथ से यह वोट छिटक रहे हैं वे प्रत्याशी या उनके लोग ऐसे परिवारों को घर जाकर मनाते हैं। परिवार के मुखिया को उन्हीं के घर में उन्हीं के कुल देवी या देवता के सामने कसम खिलाकर साथ निभाने का पक्का वायदा लेते हैं। ग्राम देवता या हारयान क्षेत्र के देवी-देवता के समक्ष भी कई बार कसमें खिलाई जाती हैं। 


देव आदेशों के अनुसार लेते हैं बड़े फैसले
पंचायत समिति सदस्य ओम प्रकाश, चौंग के उपप्रधान दुनी चंद, रतोचा के उपप्रधान दुनी चंद, छेऊंर के उपप्रधान नंद लाल, बरशैणी से जय राम, पुरोहित प्रदीप कुमार शर्मा, अबू पंडित, लाल चंद शर्मा, पुरुषोत्तम शर्मा, नेत्र प्रकाश शर्मा, चुनी लाल आचार्य, रमेश कुमार शर्मा सहित अन्य लोगों ने कहा कि कई मांगलिक कार्यों के लिए देवी-देवताओं से मंजूरी ली जाती है। देवी-देवताओं के आदेशों के अनुसार कुल्लू के लोग बड़े फैसले लेते हैं।