अवैध डंपिंग पर साढ़े 12 लाख रुपए जुर्माना नहीं भर रही कंपनी

punjabkesari.in Monday, Mar 01, 2021 - 09:47 PM (IST)

कुल्लू (दिलीप): कुल्लू जिला में फोरलेन निर्माण में जिया से रामशिला तक एन.के.सी. कंपनी द्वारा ब्यास नदी में बड़े स्तर अवैध डंपिंग की गई है, जिसके चलते पेड़-पौधों व ब्यास नदी के साथ पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुक्सान हो रहा है, ऐसे में एन.जी.टी. के निर्देशों की भी एन.के.सी. कंपनी द्वारा सरेआम अवहेलना की जा रही है। इसके चलते वन विभाग ने एन.के.सी. कंपनी को अवैध डंपिंग के लिए साढ़े 12 लाख रुपए जुर्माना किया है, जिसे कंपनी प्रबंधन ने जमा नहीं किया है, ऐसे में वन विभाग ने 3 मार्च को ज्वाइंट इंस्पैक्शन करने का निर्णय लिया है। डी.एफ.ओ. कुल्लू एंजल चौहान ने बताया कि एन.एच.ए.आई. फोरलेन का निर्माण रामशिला से जिया तक एन.के.सी. कंपनी द्वारा करवा रही है, जिसमें एन.के.सी. कंपनी के पास 1 भी प्रूव डंपिंग साइट नहीं है, ऐसे में फोरलेन के निर्माण के बाद सारा मलबा ब्यास नदी में फैंका जा रहा है, ऐसे में अवैध रूप से मलबा डंप करने के लिए वन विभाग ने साढ़े 12 लाख रुपए का जुर्माना किया है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 2 बार एन.के.सी. को अवैध डंपिंग के लिए जुर्माना किया है, जिसमें शांगरी बाग में 2018 में ब्यास नदी में अवैध डंपिंग की थी, जिसमें 80,000 रुपए का जुर्माना किया था और दूसरी बार नेचर पार्क मौहल में 2018 में 2 लाख रुपए का जुर्माना किया है, जिसको एन.के.सी. कंपनी ने जमा करवा दिया है, लेकिन 2020 में साढ़े 12 लाख रुपए का जुर्माना एक माह में हुआ है, जिस अभी तक कंपनी द्वारा जमा नहीं करवाया गया है। विभाग को इसके अलावा शिकायतें मिली हैं कि फोरलेन निर्माण में कई प्रकार का उल्लंघन किया है। 3 मार्च को एक ज्वाइंट इंस्पैक्शन रखी है, जिसमें एस.डी.एम., पी.डी. एन.एच.ए.आई. व वन विभाग के अधिकारी सामूहिक निरीक्षण करेंगे।

कंपनी ने नियमों का उल्लंघन कर पर्यावरण को पहुंचाया भारी नुक्सान
 स्थानीय निवासी जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी ने ब्यास नदी में अवैध रूप से डंपिंग कर पर्यावरण के साथ जीव-जंतुओं को भारी नुक्सान पहुंचाया है। फोरलेन निर्माण में कंपनी ने सभी नियमों का उल्लंघन कर पूरे ब्यास नदी के किनारे जहां कहीं मलबा डंप कर पेड़-पौधों को भारी नुक्सान पहुंचाया है। ब्यास नदी में बड़े स्तर पर डंपिंग से मछलियों को भारी नुक्सान हो रहा है। विभागों के अधिकारी भी समय-समय पर निरीक्षण नहीं करते हैं, जिससे यहां पर ध्वनि प्रदूषण से लोगों को नुक्सान हो रहा है।

 


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Content Writer

Kuldeep

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