कुल्लू दशहरा उत्सव : सुरेश अलबेला ने दर्शकों को किया लोटपोट

Wednesday, Oct 04, 2017 - 01:04 AM (IST)

कुल्लू: अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की चौथी सांस्कृतिक संध्या फीकी रही। हालांकि स्टैंडअप कॉमेडियन एवं मशहूर हास्य कलाकार सुरेश अलबेला ने अपने व्यंग्योंं और चुटकुलों से लोगों को खूब हंसाया लेकिन सांस्कृतिक संध्या में आए अन्य कलाकार कुछ खास रंग नहीं जमा पाए। सांस्कृतिक संध्या के दौरान रंग जमाने आई इंडियन आइडल फेम व वॉयस ऑफ हिमाचल गीता भारद्वाज ने झुमका गिरा रे, मेरे रशके कमर व गुड़ नाल इश्क मिठा सहित कुल्लवी गीत गाकर दर्शकों का मनोरजंन करने की कोशिश की, वहीं कुमार साहिल भी मंच पर अपने गीतों से दर्शकों को ज्यादा देर तक कलाकेंद्र में नहीं रोक पाए। 

शहनाई वादन के साथ हुआ संध्या का शुभारंभ
लालचंद प्रार्थी कलाकेंद्र में आयोजित दशहरा उत्सव की चौथी सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ रोजाना की तरह सूरज मणि और पार्टी के शहनाई वादन के साथ किया गया। इसके बाद कुल्लवी नाटी का आयोजन किया गया। इसके उपरांत लोक कलाकारों ने अपने-अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें अमर राठौर, नंदकला, वीना ठाकुर, कुनाल सूद, अनीता एंड पार्टी, पीयूष शर्मा, ओम राणा, विशाखा क्लासिकल डांस दल कुल्लू व एलायंस डांसिंग अकादमी के कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी जिन्हें दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। 

मंच पर दिखी थाईलैंड की लोक संस्कृति
इसके बाद टेक सिंह पनारसा, प्रवीण निहालटा शिमला, जिया नेगी लाहौल, अमित गौतम, बब्बी मान बैजनाथ, चमन चौहान कसोग, हरि मंडी व रमेश कटोच सहित लोकनृत्य दल शिमला के कलाकारों ने बेहतरीन प्रस्तुति देकर दर्शकों का मनोरंजन किया, वहीं बिहार से इंटर स्टेट कल्चर ट्रृप के दल ने अपना कार्यक्रम पेश किया। थाईलैंड के कलाकारों ने भी अपनी लोक संस्कृति से संबंधित कार्यक्रम प्रस्तुत किया। हाईजैकर धर्मशाला के बाद लैमन बैंड ने काली घघरी, भोले बाबा व पिया न जा गाकर दर्शकों की खूब सीटियां बटोरी। चौथी सांस्कृतिक संध्या में डी.सी. कुल्लू एस.पी. कुल्लू शालिनी अग्रिहोत्री तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

समयावधि का नहीं रखा गया ध्यान
अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव की चौथी सांस्कृतिक संध्या में अनियमितताएं साफ नजर आईं। कलाकारों को मंच पर आने का जो समय दिया गया था उसका पालन नहीं किया गया, जिससे मेला कमेटी की लापरवाही भी साफ नजर आई। कार्यक्रम के दौरान अपने चहेते कलाकारों को देखने और सुनने के लिए आए दर्शकों को भी समय पर कलाकारों की प्रस्तुति न हो पाने से निराश होकर वापस लौटना पड़ा।