देवी-देवताओं पर लगी पाबंदियों के कारण देव संसद में रो पड़े महेश्वर

punjabkesari.in Monday, Nov 16, 2020 - 09:14 PM (IST)

कुल्लू (ब्यूरो): अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की दुर्दशा और देवी-देवताओं पर लगाई गई पाबंदियों को बयां करते हुए देव संसद में रघुनाथ जी के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह रो पड़े। जगती के उपरांत महेश्वर सिंह रघुनाथ मंदिर के द्वार पर खड़े हुए और उन्हें देव खेल आई। महेश्वर सिंह ने कहा कि देव संसद में सभी देवी-देवताओं ने साफ कहा है कि राजनीति को जो देव नीति में लाते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। देवी-देवताओं के लिए जिस प्रकार दशहरा उत्सव में बाड़बंदी की गई, उसका सभी को दुख हुआ है। अब जिस प्रकार से देव आदेश हुए हैं और छिद्रा, काहिका व यज्ञ के लिए देवी-देवताओं ने कहा उसको लेकर भी अब आगामी फैसला भगवान पर छोड़ा है। रघुनाथ जी को आने वाले समय में पूछेंगे कि आगामी देव कारज मंदिर में ही करें या ढालपुर में करें। आने वाले दशहरा उत्सव से पूर्व इस देव कारज को करवाया जाएगा और उसमें भी सभी देवी-देवता भाग लेंगे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान महेश्वर सिंह की आंखें भर आईं और वह रो पड़े।

इस दौरान मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव कारकूनों में भी सन्नाटा-सा छा गया। खुद को संभालते हुए महेश्वर सिंह ने आगे की बात जारी रखी और भविष्य में की जाने वाली देव कार्रवाई के संदर्भ में बताया। सभी देव गुरों ने दशहरा उत्सव में पाबंदियों, बाड़बंदी, रास्ते रोकने और भूमि के अपवित्र होने का दुखी होकर जिक्र किया। सभी गवाह हैं कि देवी-देवताओं ने पहले ही कहा था कि बारिश होगी और बीती रात मेघ भी बरसे तथा जगती में भी बारिश के कारण कोई बाधा नहीं आई। दशहरा उत्सव के समापन पर भी देवताओं ने कम बारिश की बात कही थी और ऐसा ही हुआ भी। महेश्वर सिंह ने इस दौरान अन्नकूट का जिक्र करते हुए कहा कि चावल व अन्य अनाजों की इस समय नई पैदावार है और इसी को लेकर रघुनाथ जी का यह अन्नकूट पर्व होता है।


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Kuldeep

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