23 साल बाद डुगीलग में हुआ टाला, इसे कहते हैं टाला पढि़ए

Monday, Sep 10, 2018 - 05:13 PM (IST)

कुल्लू: जब बुरी शक्तियां प्रभावी हो जाएं और लोगों को जानमाल का नुक्सान पहुंचाने लगे तो लोग देवी-देवताओं की शरण में जाते हैं। तब उनके आदेश पर टाला का आयोजन होता है और इन आसुरी शक्तियों को तृप्त करने के लिए भोजन के तौर पर कुछ न कुछ दिया जाता है। कई बार किसी देवी या देवता के हारियान क्षेत्र के किसी गांव में अजीबो-गरीब बातें होने लगती हैं। इनमें लोगों को कई बार कोई ऐसा व्यक्ति बार-बार नजर आता जिसकी कुछ वर्ष या कुछ माह पूर्व मृत्यु हो चुकी हो। गूर यशपाल ने बताया कि माता की आज्ञानुसार 23 वर्ष के बाद टाला का आयोजन किया जा रहा है। रविवार सुबह 5 बजे इस प्रक्रिया को आरंभ किया गया, जिसमें पूरे गांव के बाहर से परिक्रमा को किया गया। यह प्रक्रिया लगभग 12 बजे तक चलती रही। माना जाता है कि सूक्ष्म काहिका से विपदा भी टाली जाती है।

 

Kuldeep