सोनू को जहरीले सांपों को पकडऩे में महारत हासिल

Monday, Sep 11, 2017 - 06:13 PM (IST)

कुल्लू : अमूमन सांप को देख कर उससे भयभीत होना और उस पर डंडे व पत्थरों से वार करना इंसान की आदत-सी बन गई है। इसी कारण कई मर्तबा सांप डरकर इंसानों पर हमला भी कर देता है लेकिन कुल्लू में एक शख्स ऐसा है जो सांपों को पकड़कर सुरक्षित स्थानों तक ले जाता है। इससे सांपों की प्रजाति महफूज भी रही है। अब तक भुंतर के खोखन से संबंध रखने वाला सोनू ठाकुर 320 सांपों को पकड़ चुका है। इनमें से कई तो जहरीले भी थे। हालांकि शुरू में सोनू ठाकुर सांपों को पकड़कर लोगों का बचाव करता था लेकिन अब यह उसका शौक बन गया है। अब कुल्लू सहित भुंतर शहर में जहां भी सांप निकलते हैं तो वे सपेरे को न बुलाकर सोनू ठाकुर को बुलाते हैं। वह सांप की प्रकृति को भांपते ही उसे अपने नंगे हाथों से पकड़ लेता है। इसमें वह किसी भी तरह के हथियार का प्रयोग नहीं करता ताकि सांप को तनिक भी खरोंच न लगे।

छोटी सी उम्र में सांप पकडऩे की शुरूआत 
सोनू ठाकुर ने महज 15 साल की उम्र में सांप पकडऩे की शुरूआत की थी। सोनू ठाकुर की जिंदगी में कई ऐसे मोड़ भी आए जब कई सांपों को पकडऩे में उसे दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। अपनी लेखनी के बूते समाज के सजग प्रहरी बने सोनू ठाकुर को चंद रोज पूर्व रोटरी क्लब कुल्लू की ओर से डी.सी. कुल्लू यूनुस ने सम्मानित भी किया है। उन्होंने सोनू की तारीफ  करते हुए कहा कि इससे समाज में जागरूकता आएगी और लोगों की सांपों के प्रति नकारात्मक सोच भी परिपक्व होगी। एक मीडिया गु्रप ने भी सोनू ठाकुर को हिमाचल के एक्सीलैंस अवार्ड से नवाजा है। अन्य कई सामाजिक संस्थाएं भी सोनू ठाकुर को सम्मानित करने वाली हैं।

नागों के किस्से से भरा पड़ा है हिमालय का जर्रा-जर्रा
हिमालय का जर्रा-जर्रा नागों के किस्से-कहानियों से भरा पड़ा है। नागों के राजा बासुकी नाग का वंश चलाने का गौरव मनाली के गोशाल गांव को मिला है। जिस युवती के गर्भ से कुल्लू के अठारह नागों ने जन्म लिया है, वह गोशाल के लौउंद खानदान की थी। नागों के बारे में भारत के संस्कृति मंत्रालय के शोध प्रोजैक्ट पश्चिमी हिमालय की नाग परंपरा ने भी इसे पुष्ट किया है। मई, 2011 में बाकायदा इस बारे में 340 पन्नों की एक पुस्तक भी तैयार हो चुकी है, जिसमें हिमालय के नागों के बारे में विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध है।