PICS: पर्यटन स्थल कुफरी में घोड़ा मालिकों को सरकार ने सुनाया यह कड़ा फरमान

Thursday, Dec 22, 2016 - 12:00 PM (IST)

शिमला: राजधानी शिमला के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कुफरी व नालदेहरा में अब सरकार ने घोड़ा चालकों के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। इन दोनों क्षेत्रों में गैर पंजीकृत घोड़ा चलाने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अब घोड़ा चालकों को नियमों का उल्लंघन करने पर 1000 से लेकर 2000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा और यह जुर्माना घोड़ा चालकों को मौके पर ही भुगतना होगा। यही नहीं सरकार ने यह निर्देश भी दिए हैं कि यदि कोई घोड़ा चालक मौके पर जुर्माना नहीं देता तो उसका घोड़ा ही जब्त किया जाएगा।


15 दिनों के अंदर शपथ पत्र देकर छुड़वा सकेगा जब्ती घोड़ा
जब्ती की सूरत में घोड़ा मालिक उसे 15 दिनों के भीतर शपथ पत्र देकर छुड़वा सकेगा। यही नहीं यदि 15 दिनों के भीतर घोड़ा चालक उसे छुड़वाने नहीं आता है तो उसकी नीलामी कर दी जाएगी। इस संबंध में सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अलावा घोड़ा संचालन के लिए अब आयु सीमा तय कर दी गई है। अब 18 वर्ष से कम आयु के लोग घोड़ा नहीं चला सकेंगे। इसके साथ ही घोड़ा चालक केवल निर्धारित किए गए ट्रैक पर ही पर्यटकों को घुमा सकेगा। इसके अतिरिक्त प्रत्येक घोड़ा मालिक के अब 2 ही घोड़ों को पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी। अब प्रत्येक घोड़े के पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज सहित पंजीकरण शुल्क साडा कुफरी में जमा करवाना होगा। 


शुल्क पर पर्यटक के हस्ताक्षर करवाना जरूरी
घोड़ा चालकों को अब पर्यटकों से लिए जाने वाले शुल्क पर हस्ताक्षर करवाने अनिवार्य हैं। इसके  साथ ही प्रशासन द्वारा निर्धारित दरों की पुस्तिका भी पर्यटकों को दिखानी अब अनिवार्य कर दी गई है।


घोड़ा संचालन के लिए यह रहेगा समय
अब इन दोनों स्थलों पर घोड़ा मालिक अपनी मर्जी से घोड़ा नहीं चला पाएंगे। इसके लिए सरकार ने समय सीमा तय कर दी गई है। अब प्रत्येक सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक ही कुफरी में घोड़े पर पर्यटकों को घुमा सकेंगे। इसके अलावा नालदेहरा में गर्मियों के दौरान सुबह 8 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक घोड़ा चला सकेंगे। इसके साथ ही सॢदयों में शाम 6 बजे तक ही घोड़ा चला सकेंगे। 


घोड़ों में लगानी होगी पंजीकरण की पट्टिका
कुफरी और नालदेहरा में संचालित होने वाले घोड़ों में अब नाम की पट्टिका और पंजीकरण नंबर लगाना अनिवार्य कर दिया है। घोड़ों में ऐसी पट्टिका लगाना अनिवार्य है जिसे सभी को पढऩे में आसानी हो।