कोटरोपी हादसा: मलबे में दफन हुई इन युवतियों को मिला पुनर्जन्म, बताई आपबीती

punjabkesari.in Monday, Aug 14, 2017 - 04:27 PM (IST)

मंडी: मंडी के कोटरोपी में हुए भारी भूस्खलन में जहां 46 लोगों को जान गंवानी पड़ी। वहीं, कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें पुनर्जन्म मिला है। हादसे में बाल-बाल बची जोगिंद्रनगर की नर्सिंग स्टूडेंट अनीता, मंजू कुमारी निवासी शिल्ह तहसील करसोग, ब्यूटी कुमारी निवासी कृष्णानगर शिमला और रामपुर की स्वचित्रा इन्हीं भाग्यशाली लोगों में से हैं। ये सभी सहेलियां अनिता कुमारी के घर जा रही थीं। मंजू और स्वचित्रा ने बताया कि मनाली-कटड़ा बस में वे सभी मंडी से सवार हुई थीं। 
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चार सहेलियों ने सुनाई आपबीती
आधी रात का वक्त था। मनाली से कटड़ा जा रही बस में ड्राइवर-कंडक्टर समेत करीब 12 से 13 यात्री सवार थे। बस की लाइट बंद थी और सभी गहरी नींद में सोए हुए थे। पधर के आगे कोटरोपी में बस अचानक रुक गई। कुछ लोग बाहर निकल गए और कुछ बस में सोते रहे। बस रुके कुछ ही मिनट हुए थे कि जोरदार धमाका हुआ। कुछ समझ पाते, उससे पहले ही बस के तमाम शीशे टूट गए और मलबा बस में घुस गया। हर तरफ मदद के लिए चिल्लाने की आवाजें आनी लगी। लेकिन अंधेरा और भूस्खलन के डर से कोई मदद की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। यह आपबीती उन चार सहेलियों ने सुनाई जो इस त्रासदी में जिंदा बची हैं। 
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तीन सहेलियां ब्यूटी को बस से निकालने की कोशिश करती रही
स्वचित्रा ने बताया कि सबसे पहले मंजू को निकाला गया जबकि अनिता ब्यूटी को निकाल रही थी। उसके बाद बस में बुरी तरह फंसी ब्यूटी को तीन सहेलियां लगभग आधा घंटे तक निकालने की कोशिश करती रही। वहीं हादसे में घायल अनीता ने बताया कि घटना रात एक बजे के करीब की है। चालक ने बस को एक जगह रोका और यात्रियों से फ्रेश होने की बात कही। इसी बीच अचानक दूसरी ओर पहाड़ी से पत्थर दरकने लगे थे। चालक को इस बात का पता चला और उसने बस में सवार सभी यात्रियों को सचेत कर बस में बैठने की सलाह दी। अनीता ने बताया कि जैसे ही सभी सवारियां बस में चढ़ी, अचानक से पहाड़ी दरक गई और देखते ही देखते मलबे के भीतर बस फंस गई।


चारों सहेलियों को मंडी अस्पताल पहुंचाया गया
अनीता ने बताया कि उसके हाथ में फोन था। उसने तुरंत आपातकालीन नंबर पर फोन करके हादसे की सूचना दी। करीब डेढ़ घंटे के बाद बचाव कर्मी मौके पर पहुंचे। उसके बाद ही बस में सवार सभी लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया गया। जबकि उसकी दो सहेलिया मंजू और स्वचित्रा को बस का एंगल काटकर बाहर निकाला गया। जैसे तैसे सभी बाहर निकलीं, जिसके बाद चारों को मंडी अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से मंजू और ब्यूटी को आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है जबकि अनिता और स्वचित्रा को छुट्टी दे दी गई है। डॉक्टरों ने घायलों की हालत देखने के बाद से रामपुर की स्वचित्रा (20), करसोग की मंजू (20) और बिहार की ब्यूटी (18) की टांग को इमरजेंसी ऑपरेशन करने की बात कही है। वहीं जोंगिंद्रनगर की अनीता (23) की बायीं बाजू पर चोटें आई है। 


सितंबर में हैं पेपर
हादसे में चारों छात्राएं दर्द से करहा भी रही थी और साथ मौजूद परिजनों से कह रही थी कि अगले महीने हमारे पेपर हैं। अब हम कैसे पेपर देंगे। इस पर वहां मौजूद घायलों के परिजन उन्हें दिलासा देते नजर आए।


 


 


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