कोटखाई केस में मृतक आरोपी की पत्नी ने दिए कई सनसनीखेज बयान, पढ़िए क्या कहा

Friday, Jul 21, 2017 - 10:53 AM (IST)

शिमला: कोटखाई छात्रा रेप एंड मर्डर मामले में एक बड़ा सच सामने आया है। जहां आरोपी नेपाली मूल के सूरज की लॉकअप में संदिग्ध हत्या के बाद उसकी पत्नी ममता ने कई सनसनीखेज बयान दिए हैं। उसने जो कहा वो इस केस में रईसजादों को बचाने की ओर इशारा करता है। पढ़िए ममता ने क्या कहा... 


आपको सच बता रही हूं और सीबीआई को भी बताऊंगी
मेरे पति सूरज ने किसी को कुछ भी बताने से मना किया था। उसने कहा था कोई कुछ भी पूछे तो बोलना कि कुछ नहीं पता। अब उन्हें ही मार दिया गया है तो मैं चुप नहीं रहूंगी। आपको सच बता रही हूं और सीबीआई को भी बताऊंगी। चाहे अब कोई मेरी जान भी ले लें। सूरज ने कहा था कि 6 महीने में जेल से छूटकर आ जाएंगे। फिर हम नेपाल जाकर रहेंगे। गरीबी मिट जाएगी। उसने ये भी कहा था कि उनके जेल से आने से पहले ही 'सर लोग' मुझे नेपाल भिजवा देंगे। उसने कहा कि जब 4 तारीख को छात्रा का अपहरण हुआ, मैं और सूरज सुबह से शाम तक खेत में ही काम कर रहे थे। सुबह झाड़ काटे और शाम को सेब की फसल में स्प्रे की। पूरे दिन सूरज कहीं नहीं गए और रात को भी घर पर ही थे। अगले दिन 5 तारीख को राजू (इस केस का दूसरा आरोपी, सूरज का हत्यारोपी भी) घर के बाहर आया और उसके साथ दो लोग थे। मुझे नहीं पता था कि उन्होंने मेरे पति से क्या बात की, उसके बाद वे चले गए। 


7 तारीख को पुलिस मेरे पति और हमारी बिरादरी के कुछ लोगों को ले गई
फिर 7 तारीख को पुलिस मेरे पति और हमारी बिरादरी के कुछ लोगों को ले गई। तब तक मुझे नहीं पता था कि गुड़िया की हत्या हो चुकी है। एक बागवान, जिसके बेटे को भी पुलिस ने पकड़ा है उनके घरवालों ने बताया कि छात्रा की हत्या हो गई है। इसलिए पुलिस लेकर गई है। फिर रात को सूरज घर आ गए। सूरज ने बताया कि लड़की की लाश मिली है, जिस कारण पुलिस पूछताछ के लिए मुझे ले गई थी। राजू को छोड़कर हम सभी को घर भेज दिया है। मेरा पति और छोटू एक साथ आए थे। उसके बाद पुलिस कभी नहीं आई। 9 तारीख को राजू और छोटू घर के बाहर आए। उन्होंने सूरज को बुलाया और उनके बीच काफी देर तक बातें होती रही। उसी दौरान वहां दो लोग और आए। उनकी उम्र 30 के आसपास रही होगी। मैंने उन लोगों को पहले कभी नहीं देखा था। फिर सभी वहां से चले गए।


मेरा पति सरकारी गवाह बनने के लिए राजी था, इसलिए उसे मारा गया
अगले दिन राजू, छोटू और सुभाष तीनों आए और सूरज को साथ ले गए। सूरज ने जाने से पहले आधे घंटे तक मुझसे बातें की और रोए भी। उन्होंने बच्चों को गले लगाते हुए कहा कि अच्छी जिंदगी जीने के लिए थोड़े कष्ट तो झेलने ही पड़ेंगे। अब हम सभी नेपाल में अपने घर पर मिलेंगे। पुलिस केस में 6 महीने लगेंगे। सर लोग खुद यहां आएंगे और सबको नेपाल भेज देंगे। मैं छह महीने बाद सीधा नेपाल आ जाऊंगा। हमारी जमीन जो भाईयों के पास है, हम उसे पेसे देकर छुड़ा लेंगे। मैंने काफी पूछा लेकिन ये नहीं बताया कि पैसे कहां से आएंगे और उसके बाद वे चले गए। फिर उनके पकड़े जाने की खबर आई और अब मौत की। उसकी पत्नी ममता ने कहा कि मेरे पति को लालच देकर फंसाया गया है। इसमें बड़े साहब लोग शामिल हैं और वे मेरी जान भी ले सकते हैं। लेकिन, मैं डरती नहीं। अब तक बच्चों के कारण चुप थी पर अब उन्हें नहीं छोडूंगी। पुलिस आए तो मैं सब सच बोलूंगी। मुझे अगर उन लोगों की तस्वीरें दिखाई जाएं तो पहचान लूंगी। उसने कहा कि हम गरीब हैं लेकिन कातिल नहीं हैं। उसने कहा कि उसके पति को कस्टडी में इसलिए मारा गया, क्योंकि वह सरकारी गवाह बनने के लिए राजी हो गया था।