कोटखाई मामला : गुड़िया ही नहीं सूरज की हत्या के सबूत भी हुए नष्ट

Saturday, Sep 09, 2017 - 12:00 AM (IST)

शिमला: कोटखाई मामले में गुड़िया ही नहीं, सूरज की हत्या के सबूत भी नष्ट हो गए हैं। पुलिस ने जिस एफ.टी.ए. कार्ड में सूरज के ब्लड के सैंपल लिए थे, वह आग की भेंट चढ़ चुका है। सी.बी.आई. का आरोप है कि पुलिस वालों ने ये सैंपल इस कार्ड पर उठाए ही नहीं। अगर ऐसा है तो आरोपी पुलिस अधिकारी व कर्मचारी सबूत मिटाने के आरोप में और फंसते जाएंगे। क्या कहीं ऐसा तो नहीं है कि भीड़ की आड़ में पुलिस वालों ने ही मालखाने में केस प्रॉपर्टी जलाई? सी.बी.आई. के मुताबिक सूरज को डंडे और ब्लंट वैपन से मारा गया। इस निर्मम हत्या में प्रयुक्त ये दोनों हथियार भी आग के हवाले हो गए हैं।

तड़पा-तड़पा कर मारा गया सूरज
सूत्रों का कहना है कि गुडिय़ा केस के आरोपी सूरज को तड़पा-तड़पा कर मारा गया है। थर्ड डिग्री टॉर्चर का यह सबसे घिनौना वाकया सामने आया है। हैरानी इस बात की है कि अभी तक तत्कालीन एस.पी. के खिलाफ कोई भी पुख्ता सबूत सी.बी.आई. को नहीं मिला है। अगर मिला होता तो यह अधिकारी भी गिरफ्तार हो जाता। हालांकि इससे कड़ी पूछताछ की है। तब उन्होंने प्रैस को बयान दिया था कि सूरज की मौत राजू के हाथों हाथापाई से हुई है जबकि देश की सबसे बड़ी नामी एजैंसी ने उनकी इस कहानी को पूरी तरह से झुठला दिया है। तब एस.पी. मौके पर नहीं गए थे, शायद यहीं बच गए। मौके पर पुलिस की एस.आई.टी. टीम के मुखिया आई.जी. जैदी गए थे। वह 19 जुलाई को सुबह थाने पहुंचे जबकि सूरज की हत्या आधी रात को हो गई थी। 

गुडिय़ा के भी एफ.टी.ए. कार्ड पर लिए थे सैंपल
आई.जी.एम.सी. में गुड़िया के शव से फोरैंसिक विशेषज्ञों ने एफ.टी.ए. कार्ड पर सैंपल लिए थे। इस कार्ड पर करीब 100 साल तक भी सैंपल नष्ट नहीं हो पाते हैं। डाक्टरों ने करीब 200 फोटो भी लिए थे। हालांकि मौके पर दांदी जंगल में जुन्गा की फिजिकल डिवीजन की टीम नहीं गई थी। डैडबॉडी को भी बैग या कवर में नहीं लाया गया था।