कोटखाई केस : गुड़िया के घर पहुंची CBI, परिजनों के लिए बयान

Friday, Jul 28, 2017 - 01:54 AM (IST)

ठियोग (शिमला): सी.बी.आई. की एक टीम वीरवार को शाम करीब 6.30 बजे शिरगुली स्थित गुडिय़ा के घर पहुंची। यहां पर सी.बी.आई. के अधिकारियों ने परिजनों से बातचीत की और गुडिय़ा के माता-पिता व भाई के बयान कलमबद्ध किए। इस दौरान सी.बी.आई. की टीम आधे से पौने घंटे तक गुडिय़ा के घर पर रुकी और परिजनों से विस्तृत बातचीत की। सी.बी.आई. ने गुडिय़ा के परिजनों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। हालांकि यह भी कहा गया कि इस मामले की तफ्तीश पूरी होने में अभी एक महीना भी लग सकता है लेकिन गुडिय़ा को न्याय मिलकर रहेगा। परिजनों को इसके लिए सी.बी.आई. पर भरोसा करना होगा। कातिल को सी.बी.आई. ढूंढकर ही रहेगी। इस दिशा में केंद्रीय जांच एजैंसी लगातार 4 दिन से प्रयास कर रही है। 

गुडिय़ा के मामा व अन्य लोगों के भी दर्ज हैं बयान
सी.बी.आई. घटना स्थल की पैमाइश के अलावा गुडिय़ा के मामा, कुछ नेपाली लोगों और कुछ स्थानीय लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। सी.बी.आई. को उम्मीद है कि जैसे ही 6 आरोपियों सहित 2 संदिग्धों की डी.एन.ए. रिपोर्ट हाथ लगती है, उसके बाद मामला जल्द सुलझ जाएगा। इसे लेकर वीरवार को भी सी.बी.आई. की एक टीम जुन्गा स्थित सी.एफ.एल. लैब में डेरा डाले रही। सी.बी.आई. को उम्मीद है कि 3 से 4 दिनों के भीतर सी.एफ.एल. लैब से सभी रिपोर्ट मिल जाएंगी। सी.बी.आई. पर न केवल गुडिय़ा मर्डर व गैंगरेप मामला सुलझाने की चुनौती है बल्कि कोटखाई पुलिस स्टेशन में आरोपी सूरज की हत्या की गुत्थी सुलझाने का भी दबाव है।

फिजिकल एवीडैंस खोज निकालना बना चुनौती
जानकारों की मानें तो इस मामले के फिजिकल एवीडैंस खोज निकालना सी.बी.आई. के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा क्योंकि सी.बी.आई. घटना के 19 दिन के बाद मौके पर पहुंची है। तब तक सैंकड़ों लोग घटना स्थल पर जा चुके थे। इससे घटना स्थल पर ऐसे साक्ष्य मिल पाना मुश्किल हैं जो गुडिय़ा मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में मदद कर सकें। 

चंडीगढ़ के वकील ने की गुडिय़ा का केस लडऩे की पैरवी 
वहीं चंडीगढ़ के एक वकील ने गुडिय़ा का केस लडऩे की पैरवी की है। गुडिय़ा की बहन के मुताबिक वीरवार दोपहर करीब 2 बजे चंडीगढ़ से 1 वकील उनके घर पहुंचा और गुडिय़ा का केस लडऩे की पैरवी की। इस दौरान वकील ने गुडिय़ा से गैंगरेप व मर्डर मामले को लेकर परिवार से विस्तृत बातचीत की। वकील ने परिजनों को भरोसा दिया कि यदि वे चाहें तो वह उनका केस लडऩे को तैयार हैं। वकील ने परिजनों को अपना फोन नंबर दिया है।